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Housing Development Paperwork: बिल्डर पी गए आवास-विकास परिषद का 669 करोड़, अब हो रही खानापूर्ति, अरसे से क्यों सोए थे अधिकारी ?

जिले में उत्तर प्रदेश आवास-विकास परिषद का बिल्डरों पर 669 करोड़ रुपया पिछले कई साल से बकाया है। लेकिन निजी स्वार्थों से कुछ अफसर सिर्फ कागजी एक्शन दिखाकर मामले को दबाए बैठे हैं। जब सोसायटी वालों ने मोर्चा खोला तो एक बार फिर कागजी एक्शन दिखाया जा रहा है।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

गाजियाबाद में आवास विकास परिषद के करीब 669 करोड़ रुपये का बकाया बिल्डरों पर है। इसमें से तीन बिल्डरों पर ही 269 करोड़ का बकाया है। अरसे से निजी स्वार्थों  के चलते कुछ अफसर बिल्डरों को भुगतान कराने से बचाते हुए महज कागजी कार्रवाई में जुटे थे। मगर, चंद रोज पहले इनमें से कुछ बिल्डर्स की सोसायटी में रहने वाले लोगों की शिकायत के बाद अचानक अफसरों की नींद खुली है और तीन बड़े बकायेदार बिल्डरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी करने की बात कही जाने लगी है। दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में रह रहे इन बिल्डरों के गिरफ्तारी वारंट लेकर टीम पुलिस के साथ जाएगी।

डेढ़ दर्जन से ज्यादा बिल्डरों पर 669 करोड़ की देनदारी

गाजियाबाद में आवास विकास परिषद का करीब 669 करोड़ रुपया बिल्डर दबाए बैठे हैं। इनमें से 269 करोड़ रुपये अकेले तीन ही बिल्डरों पर बकाया है। बिल्डरों से पैसे की वसूली करने या उनके खिलाफ एक्शन लेने की बजाय स्थानीय अफसर उनके खिलाफ एक्शन लेने का स्वांग रच रहे हैं जो इन बिल्डरों को पूरा पैसा देकर इनके द्वारा डवलप सोसायटीज में परिवार के साथ रह रहे हैं।  

चोरों पर नहीं, निर्दोष रेजीडेंट्स पर एक्शन

हास्यपद स्थिति तो ये है कि परिषद के अफसर और तहसील के राजस्व विभाग से जुड़े लोग बिल्डर की संपत्ति जब्त करने के बजाय उन सोसायटीज को कुर्क करने की कोशिश में हैं जिन्हें बिल्डरों ने मनमाना पैसा लेकर लोगों को बेच दिया है। मजेदार बात तो ये है कि तहसील का राजस्व विभाग और आवास-विकास परिषद उन रेजीडेंट्स से फ्लेट्स की रजिस्ट्री के नाम पर फीस भी वसूल कर चुका है। मगर, परिषद का पैदा दबाए बैठे बिल्डरों की बजाय केवल रेजीडेंट्स पर दवाब डाला जा रहा है। इसी के चलते वसुंधरा सेक्टर 8 और 3 में तीन बड़े बकायेदार बिल्डर्स के द्वारा डवेलप करके बेच दी गई प्रॉपटी को कुर्की के बाद नीलामी का नोटिस भी लगा दिया गया। लेकिन कोई खरीदार सामने नहीं आने के कारण इस नोटिस को आगे के लिए बढ़ा दिया गया।

ये हैं परिषद के तीन बड़े बकायेदार

आवास-विकास परिषद के अफसरों की मानें तो कई नोटिस के बाद भी बकाया जमा नहीं करने के कारण अब तहसील स्तर से कार्रवाई शुरू की गई है। दो दिन में तीन बिल्डरों के खिलाफ वॉरंट जारी करा लिया जाएगा। बकाया का भुगतान न होने पर तीन बिल्डरों एमके राय, बसंत कुमार और संजीव शर्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग के तहसीलदार और अमीन खुद दिल्ली पुलिस के साथ वॉरंट लेकर गिरफ्तारी कराने के लिए जाएंगे।

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7 मई को फिर होगी रार

बीएक्सएल रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड (ईस्टर्न गेट) बिल्डर पर 50 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। इस बीच ईस्टर्न हाइट सोसायटी के बिल्डर ने तहसील में 2012 से चल रहे हाई कोर्ट के केस और स्टे का हवाला देते हुए अपने लीगल कागज जमा किए हैं। इसके कारण नीलामी की नोटिस जो 7 मई की लगाया गया है, उससे ईस्टर्न गेट सोसायटी के बिल्डर और यहां रहने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिली है। ईस्टर्न गेट सोसायटी के लिए दुबारा नीलामी के लिए को तारीख जारी नहीं हुई है।  गौरतलब है कि इस्टर्न गेट बिल्डर के अलावा बाकी दोनों बिल्डरों पर 219 करोड़ रुपये का बकाया है। 2 अप्रैल को इनकी नीलामी की तारीख तय की गई थी, लेकिन किसी खरीदार के नहीं पहुंचने कारण ही नीलामी की तारीख को आगे 7 मई के लिए बढ़ा दिया गया है। तीनों ही सोसायटियों में 500 से अधिक परिवार प्रभावित हैं और अधिकतर लोगों के फ्लैटों की रजिस्ट्री भी नहीं हुई है।

रेजीडेंट्स कर चुके हैं प्रदर्शन

अभी दो दिन पहले ही ईस्टर्न गेट सोसायटी के लोगों ने आवास विकास कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया था। लोगों का आरोप था कि यह जो कुछ भी हो रहा है, वह बिल्डर और आवास विकास की मिलीभगत से हो रहा है। ऐसे में उनके फ्लैटों की जो रजिस्ट्री नहीं हो रही है।

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