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Illegal Construction : आवास विकास ने वसुंधरा में 4 अवैध निर्माणों को ध्वस्त न करने पर FIR दर्ज कराई

गाजियाबाद के वसुंधरा एरिया में आवास विकास परिषद की सरपरस्ती में क्षेत्र में अवैध निर्माण जोरों पर हो रहे हैं। अब सख्ती करते हुए ऐसे ही अवैध निर्माण करने वाले 4 निर्माणकर्ताओं के खिलाफ आवास विकास परिषद के अवर अभियंता ने FIR दर्ज कराई है।

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Neeraj Gupta
आवास विकास
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ट्रांस हिंडन बाईबीएन संवाददाता

गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन के वसुंधरा एरिया में आवास विकास परिषद की सरपरस्ती में क्षेत्र में अवैध निर्माण जोरों पर हो रहे हैं। जब आलाधिकारी सख्ती करते हैं तो अधीनस्थ अवैध निर्माण को करने वालों के खिलाफ पुलिस थानों में FIR दर्ज करा दी जाती है। अब सख्ती करते हुए ऐसे ही अवैध निर्माण करने वाले 4 निर्माणकर्ताओं के खिलाफ आवास विकास परिषद वसुंधरा के अवर अभियंता ने FIR दर्ज कराई है। 

Case 1: सैक्टर-13 में स्थित भूखण्ड सं0-13/285 पर भी रिपोर्ट दर्ज 

अभिजीत सिंह अवर अभियन्ता निर्माण खण्ड गाजियाबाद-01 उप्र आवास एवं विकास परिषद ने थाना इन्दिरापुरम में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि वसुन्धरा योजना गाजियाबाद के सैक्टर-13 में स्थित सैक्टर-13 में स्थित भूखण्ड सं0-13/285 संख्या-13/272 पर आवंटी नरेन्द्र कुमार मीना व अन्य द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विरुद्ध फन्ट सैट बैंक, साईड सैट बैंक एवं स्थिर बैंक कवर्ड करते हुए नियम के विपरीत अनाधिकृत /अवैधानिक रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जोकि अवैध/अनाधिकृत निर्माण की श्रेणी में आता है। उक्त के सम्बन्ध परिषद नियमानुसार समस्त नोटिस जारी किये गये थे तथा कार्य स्थल पर कार्य रोकने का प्रयास किया गया है। परन्तु उक्त आवंटी द्वारा बिना रोके कार्य किया जा रहा है। उक्त अवैध निर्माण के विरुद्ध खण्ड कार्यालय के पत्र सख्या GHZ/CD1/24/09428 दिनांक 21 सितंबर 2024 के द्वारा कारण बताओ नोटिस एवं पत्र सख्या GHZ/CD1/24/09428 दिनांक 6 नवंबर 2024 के द्वारा ध्वस्तीकरण आदेश निर्गत किये जा चुके है, चल रहा निर्माण कार्य पूर्ण रूप से अवैध है। 

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Case 2: सैक्टर-13 में स्थित भूखण्ड सं0-13/285 पर भी FIR 

अभिजीत सिंह अवर अभियन्ता निर्माण खण्ड गाजियाबाद-01 यूपी आवास एवं विकास परिषद, वसुन्धरा गाजियाबाद ने थाना-इन्दिरापुरम में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि सैक्टर-13 में स्थित भवन सं0-13/285 पर आवंटी श्री राजेन्द्र कुमार कुडलिया व अन्य द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विरुद्ध फन्ट सैट बैंक, साईड सैट बैंक एवं रियर बैंक कवर्ड करते हुए नियम के विपरीत अनाधिकृत / अवैधानिक रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जोकि अवैध/अनाधिकृत निर्माण की श्रेणी में आता है। उक्त के सम्बन्ध परिषद नियमानुसार समस्त नोटिस जारी किये गये थे तथा कार्य स्थल पर कार्य रोकने का प्रयास किया गया है। परन्तु उक्त आवंटी द्वारा बिना रोके कार्य किया जा रहा है, जो अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है। 

Case 3: सैक्टर-13 में स्थित भूखण्ड सं0-13/सी-34 पर भी मुकदमा दर्ज 

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अभिजीत सिंह अवर अभियन्ता निर्माण खण्ड गाजियाबाद-01 यूपी आवास एवं विकास परिषद, वसुन्धरा गाजियाबाद ने थाना-इन्दिरापुरम में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि सैक्टर-13 में स्थित भवन सं0-13/सी-34 पर आवंटी प्रमोद कुमार शर्मा व अन्य द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विरुद्ध फन्ट सैट बैंक, साईड सैट बैंक एवं रियर बैक कवर्ड करते हुए निय नियम के विपरीत परीत अनाधिकृत / अवैधानिक रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जोकि अवैध/अनाधिकृत निर्माण की श्रेणी में आता है। उक्त के सम्बन्ध परिषद नियमानुसार समस्त नोटिस जारी किये गये थे तथा कार्य स्थल पर कार्य रोकने का प्रयास किया गया है। 

Case 4: सैक्टर-13 में स्थित भूखण्ड सं0-13/1192 पर भी रिपोर्ट दर्ज 

अभिजीत सिंह अवर अभियन्ता निर्माण खण्ड गाजियाबाद-01 यूपी आवास एवं विकास परिषद, वसुन्धरा गाजियाबाद ने थाना इन्दिरापुरम, वसुन्धरा में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि सैक्टर-13 में स्थित भवन स.-13/1192 पर आवंटी श्रीमती राजेश कुमारी व अन्य द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विरुद्ध फन्ट सेंट बैंक, साईड सेंट बैंक एवं रियर बैंक कवर्ड करते हुए नियम के विपरीत अनाधिकृत /अवैधानिक रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जोकि अवैध/अनाधिकृत निर्माण की श्रेणी में आता है। उक्त के सम्बन्ध परिषद नियमानुसार समस्त नोटिस जारी किये गये थे तथा कार्य स्थल पर कार्य रोकने का प्रयास किया गया है। परन्तु उक्त आवंटी द्वारा बिना रोके कार्य किया जा रहा है, जो अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है। 

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अवैध निर्माणकर्ताओं पर ये हो सकती है सजा और जुर्माना

इस सम्बन्ध में भारतीय न्याय सहिता की धारा-195 (यदि अवैध निर्माणकर्ता द्वारा अवैध निर्माण रोकने के आदेश दिये जाने के पश्चात् भी अवैध निर्माण न रोककर आदेशों का उल्लंघन किया जाता है तो एक माह का सादा कारावास की सजा या रु0 5000/-तक के जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जा सकता है) व भारतीय दण्ड संहिता की धारा-123 के अन्तर्गत (निर्माण से मानव जीवन को संकट या दूसरों की सुरक्षा को खतरा होने की दशा) में अभियोग पंजीकृत किया जाता है।

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