गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
एक ओर शासन की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि ग्रीन बेल्ट और पार्क की भूमि पर 5% से अधिक कोई स्थायी निर्माण नहीं होना चाहिए, वहीं दूसरी ओर शौर्यपुरम टाउनशिप में बिल्डर समूह द्वारा पार्क की भूमि पर पंप हाउस, पानी की टंकी और ट्रांसफार्मर लगाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।
बिल्डर की मनमानी
शौर्यपुरम टाउनशिप के आवंटी आरएस सचान ने एक लेटर के माध्यम से यह मामला उठाया है, जिसमें उन्होंने बताया कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) से स्वीकृत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) में सामाजिक उपयोगिता के तहत अलग से स्थान चिन्हित कर पंप हाउस और पानी की टंकी की व्यवस्था की जानी थी। लेकिन बिल्डर समूह ने सी-ब्लॉक में स्थित पार्क की जमीन पर इन संरचनाओं का निर्माण कर दिया, जो न केवल हरियाली को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि जीडीए की स्वीकृत योजना का भी उल्लंघन है। सचान ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि पार्क की भूमि पर इस प्रकार का निर्माण न केवल पार्क के मूल उद्देश्य के विपरीत है बल्कि आसपास के निवासियों के लिए भी असुविधा का कारण बन रहा है। इस अवैध निर्माण से पार्क में हरियाली को बढ़ावा देने की संभावनाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
लोगों में आक्रोश
स्थानीय नागरिकों और आवंटियों द्वारा इस मुद्दे को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की जा रही है और उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन और जीडीए से भी जांच की अपेक्षा की जा रही है। यह प्रकरण शहर में तेजी से हो रहे अवैध निर्माण और पार्कों पर कब्जे की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करता है, जिस पर समय रहते प्रभावी कार्यवाही आवश्यक है ताकि हरित क्षेत्र संरक्षित रह सकें और नागरिकों को उनके अधिकारों के अनुसार सुविधाएं प्राप्त हों।