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ई-रिक्शा अभियान
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
जिले में 35,000 ई रिक्शा अवैध तरीके से चल रहे हैं पंजीकृत 25000 में से भी 10345 की खरीदने के बाद दोबारा फिटनेस जांच नहीं कराई गई जबकि नया ई रिक्शा खरीदने के बाद दोबारा फिटनेस जांच 2 साल बात करनी पड़ती है खरीदने के तीसरे साल से हर साल फिटनेस जांच करने का नियम है ऐसे में पंजीकृत सभी ई रिक्शा में सफर करना लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है अधिकांश का बीमा भी नहीं कराया गया आज से जैसी स्थिति में कौन जिम्मेदार होगा इसको लेकर जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ रहे हैं अनफिट की संख्या को जोड़कर अवैध ई रिक्शा की संख्या बढ़कर इस समय लगभग 45000 से ज्यादा है।
अभियान के नाम पर दिखावा
18 दिन गुजारने के बाद अब तक महज 118 को परिवहन निगम के अधिकारी सीज कर सके हैं इसके अलावा 84 ई रिक्शा पुलिस में सीज की है वहीं 308 के खिलाफ चालान के कार्रवाई की गई है ऐसी स्थिति में ई रिक्शा चालकों की मनमानी पर लगाम लगाना मुश्किल है फिर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने की वजह से ई-रिक्शा चालकों को मनमानी बढ़ती जा रही है हालत यह है कि लोगों का सड़क पर निकलना मुश्किल रहता है सड़क पर अंबेडकर रोड हापुर चुंगी विजयनगर पुराना नया बस अड्डा मेरठ रोड रहा साहिबाबाद बस अड्डा लोनी तेरा मोदीनगर मुरादनगर रैपिड रेल स्टेशन मोदीनगर राज चोपड़ा मसूरी आदि स्थानों पर ई रिक्शा के झुंड हर वक्त खड़े रहते हैं पहले सवारी बढ़ाने के चक्कर में कई बार हादसे होते हैं तो हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है।
सीमा की बाध्यता खत्म
हाल ही में लखनऊ में ई-रिक्शा में महिला से दुराचार की घटना के बाद शासन ने शक्ति किया परिवहन विभाग को अवैध शिक्षा के खिलाफ अभियान चलाने और ई रिक्शा ऑटो रिक्शा चालकों का सत्यापन करने का आदेश दिए थे 1 अप्रैल से इस अप्रैल अभियान को शुरू किया गया लेकिन लगातार भारती जा रही उदासीनता की वजह से अब अधिकारी स्तर पर बड़ा कदम उठाया गया है आरटीओ परिवर्तन ने बताया कि अब एक जिले के अधिकारी दूसरे जिले में जाकर कार्रवाई करेंगे आरटीओ के दी गवर्नमेंट बताया कि सभी पर कार्रवाई करना संभव नहीं कार्यवाही केवल सांकेतिक होती है इसको प्रभावी बनाने का काम चल रहा है सत्यापन का काम पुलिस स्तर पर होना है।