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Illegal E-rickshaw : यातायात की उडी धज्जियां,परिवहन विभाग के लिए बने मुसीबत

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अवैध और अनाधिकृत ई रिक्शा के खिलाफ सख्त हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में अनधिकृत और अवैध रूप से संचालित हो रहे ई-रिक्शा के खिलाफ विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है. गाजियाबाद में

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Syed Ali Mehndi
ई-रिक्शा

ई रिक्शा

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गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अवैध और अनाधिकृत ई रिक्शा के खिलाफ सख्त हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में अनधिकृत और अवैध रूप से संचालित हो रहे ई-रिक्शा के खिलाफ विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है. गाजियाबाद में भी सड़कों पर हजारों की संख्या में अवैध रूप से अनधिकृत ई रिक्शा संचालित हो रहे हैं. अनधिकृत ई रिक्शा न केवल परिवहन विभाग के लिए मुसीबत पैदा कर रहे हैं, बल्कि इनसे हादसों का खतरा भी बना रहता है.

25 हज़ार से अधिक ई रिक्शा 

गाजियाबाद में तकरीबन 25,509 ई रिक्शा परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड है, जिनमें से करीब दो हजार ई रिक्शा के पास वैध फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है. ऐसे में बिना फिटनेस के संचालित हो रहे ई रिक्शा पर परिवहन विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. रजिस्टर्ड ई रिक्शा द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर परिवहन विभाग द्वारा चालान आदि की कार्रवाई की जाती है. हालांकि, सड़कों पर संचालित हो रहे अनरजिस्टर्ड ई रिक्शा के खिलाफ परिवहन विभाग द्वारा कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि इनका आरटीओ में रजिस्ट्रेशन मौजूद नहीं होता. फिलहाल परिवहन विभाग द्वारा जमीनी स्तर पर कार्रवाई की जा रही है ताकि सड़कों पर अवैध रूप से दौड़ रहे अनधिकृत ई रिक्शा को हटाया जा सके.

आरटीओ ऑफिस गाजियाबाद
आरटीओ ऑफिस गाजियाबाद

रजिस्टर्ड, असेंबल्ड, कीमत में फर्क

दरअसल, बाजार में ई रिक्शा की कीमत करीब डेढ़ से दो लाख रुपए के बीच होती है. रिक्शा चालक अधिकृत कंपनी का रिक्शा खरीदते हैं और आरटीओ में रजिस्ट्रेशन करने के पश्चात संचालन करते हैं, लेकिन कई कंपनियां अवैध रूप से ई रिक्शा का निर्माण कर रही है. अवैध रूप से बनाए गए ई-रिक्शा को असेंबल्ड ई रिक्शा कहा जाता है. यह पुराने ई रिक्शा के पार्ट्स आदि का इस्तेमाल कर बनाए जाते हैं. असेंबल्ड ई रिक्शा की कीमत बाजार में बिक रहे सामान्य ई रिक्शा की तुलना में तकरीबन 50 प्रतिशत कम होती है. असेंबल्ड ई रिक्शा का परिवहन विभाग में पंजीकरण संभव नहीं होता क्योंकि असेंबल्ड ई रिक्शा लोकल वर्कशॉप में तैयार होते हैं और रजिस्ट्रेशन करने के लिए पर्याप्त कागजात मौजूद नहीं होते.

लगातार कार्रवाई 

फिलहाल, अवैध रूप से सड़कों पर दौड़ रहे अनधिकृत ई रिक्शा पर परिवहन विभाग द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही ऐसे ई रिक्शा जो कि परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड है लेकिन फिटनेस आदि न होने पर भी संचालित हो रहे हैं ट्रेस कर कार्रवाई की जा रही है.

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30 अप्रैल तक अभियान 

आरटीओ (प्रवर्तन) के डी सिंह ने बताया गाजियाबाद में परिवहन विभाग की पांच टीमें द्वारा जमीनी स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. अवैध, अपंजीकृत, नाबालिग चालकों द्वारा संचालित ई रिक्शा के विरुद्ध प्रदेश व्यापी प्रवर्तन अभियान के चौथे दिन गाजियाबाद में कुल 30 वाहनों का चालान किया गया और 19 ई रिक्शा निरुद्ध किए गए. 1 अप्रैल से चलाए जा रहे इस अभियान में अब तक गाजियाबाद संभाग में 429 वाहनों का चालान किया जा चुका है और 278 वाहन जब्त किए जा चुके हैं. अभियान 30 अप्रैल तक निरंतर चलेगा, और बिना प्रपत्र, लाइसेंस, फिटनेस के या बिना पंजीकृत चल रहे ई रिक्शा के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी.

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