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फाइल फोटो
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की 7वीं पुण्यतिथि पर एक बार फिर गाजियाबाद का अटल चौक सुर्खियों में है। विडंबना यह है कि जिस चौक का शिलान्यास वर्ष 1996 में स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था, वहाँ आज तक उनकी प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी है। वसुंधरा कॉलोनी का मान कहे जाने वाले इस चौक पर प्रतिमा लगाने का वादा वर्षों से अधूरा है और आज स्थिति यह है कि चौक पर लगा शिलापट तक उखड़ चुका है तथा धूल फांक रहा है।
भाजपा सरकार फिर भी लाचारी
गौरतलब है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है और नगर निगम गाजियाबाद में भी भाजपा का ही बहुमत है। मेयर भाजपा से हैं और सौ में से करीब 80 पार्षद भी भाजपा से ही आते हैं। बावजूद इसके अटल चौक का यह हाल होना स्थानीय जनता के लिए चिंता और आक्रोश का विषय है। निगम के निर्माण विभाग की ओर से बार-बार यही कहा जा रहा है कि धन की उपलब्धता होने पर ही प्रतिमा स्थापित की जाएगी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह तर्क जनता की भावनाओं से खिलवाड़ है। अटल चौक के अलावा वसुंधरा क्षेत्र के अन्य प्रमुख चौराहे जैसे महाराजा अग्रसेन चौक, विश्वकर्मा चौक, किसान चौक, बुध चौक और मिहिर भोज चौक का सौंदर्यीकरण कर वहाँ भव्य प्रतिमाएँ स्थापित की जा चुकी हैं। ऐसे में सिर्फ अटल चौक को उपेक्षित छोड़ना लोगों की समझ से परे है।
वाजपेई जैसा कोई नहीं
लोगों का मानना है कि अटल बिहारी वाजपेयी जैसा युगद्रष्टा नेता, जिसने तीन बार प्रधानमंत्री रहते हुए सुशासन की मिसाल कायम की, भयमुक्त समाज बनाया और गरीबों के कल्याण को प्राथमिकता दी, उनकी स्मृतियों को संजोना आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहद जरूरी है। प्रतिमा स्थापित होने से न सिर्फ उनका नाम जीवित रहेगा, बल्कि समाज को भी उनके आदर्शों से प्रेरणा मिलेगी।सेक्टर-15, वसुंधरा के शिखर एन्क्लेव निवासी संदीप कुमार गुप्ता ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर नगर आयुक्त, जिलाधिकारी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि अटल चौक पर शीघ्र अटल जी की प्रतिमा लगवाई जाए। संदीप का कहना है कि जब अन्य चौराहों पर प्रतिमाएँ स्थापित हो सकती हैं तो फिर अटल चौक पर यह कार्य क्यों अधूरा है?
आखिर समस्या क्या है
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि गाजियाबाद जैसे बड़े शहर में यह स्थिति भाजपा की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है। जनता का मानना है कि अगर प्रदेश और नगर निगम दोनों ही जगह भाजपा की सत्ता होने के बावजूद यह काम अधूरा है, तो आने वाले चुनावों में जनता जरूर सवाल पूछेगी।आज जब अटल बिहारी वाजपेयी की 7वीं पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है, तब गाजियाबाद का यह चौक उनकी उपेक्षा का गवाह बन खड़ा है। अब देखना यह होगा कि भाजपा नेतृत्व और नगर निगम इस मांग को कब तक गंभीरता से लेते हैं और क्या अटल जी की प्रतिमा वास्तव में अटल चौक पर स्थापित हो पाती है या नहीं।