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Airforce Day पर 1967 की विंटेज फोर्ड कार में एयर चीफ मार्शल का शौर्य सलाम!

वायुसेना दिवस 2025 पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने 1967 की विंटेज फोर्ड सैलून कार चलाकर भारतीय वायुसेना की गौरवशाली विरासत का सम्मान किया। यह कार 1971 के युद्ध नायक एयर चीफ मार्शल पी.सी. लाल सहित कई प्रमुखों ने इस्तेमाल की थी।

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Dhiraj Dhillon
Airforce Day 2025

गाजियाबाद, वाईबीएन न्यूज। भारतीय वायुसेना दिवस 2025 के अवसर पर बुधवार को हिंडन एयरबेस पर देश की वायु शक्ति और विरासत का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मौके पर एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने खुद 1967 की विंटेज फोर्ड सैलून कार को चलाकर परेड स्थल पर प्रवेश किया, जिसने 1971 के भारत-पाक युद्ध सहित कई ऐतिहासिक क्षणों की गवाही दी है। क्रीम रंग की 1967 मॉडल फोर्ड सैलून कार में 390 वी-8 इंजन, 315 हॉर्सपावर और 8 सिलेंडर इंजन है। यह कार पहली बार 1969 में तत्कालीन एयर चीफ मार्शल पी.सी. लाल द्वारा इस्तेमाल की गई थी, जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में वायुसेना का नेतृत्व किया था। इस कार का इस्तेमाल 1969 से 1992 तक कई वायुसेना प्रमुखों ने किया। बाद में इसे पालम एयरफोर्स म्यूजियम, नई दिल्ली में रखा गया, जहां यह वायुसेना की गौरवशाली विरासत का प्रतीक बनी हुई है।

ऑपरेशन सिंदूर का किया उल्लेख

समारोह में अपने संबोधन के दौरान एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर इस बात का प्रमाण है कि सटीक योजना, अनुशासित प्रशिक्षण और दृढ़ संकल्प से क्या हासिल किया जा सकता है।” उन्होंने आगे कहा कि “स्वदेशी विकसित हथियारों ने सटीक और प्रभावशाली हमले कर हमारी घरेलू क्षमताओं पर विश्वास को मजबूत किया है।” कार्यक्रम में वायुसेना की हेरिटेज फ्लाइट ने भी आकर्षक प्रदर्शन किया। 1982 में पालम एयरफोर्स स्टेशन पर शुरू हुई यह फ्लाइट आज हिंडन एयरबेस से संचालित होती है और टाइगर मॉथ, हार्वर्ड, डकोटा और एचटी-2 जैसे विंटेज विमानों से सजी है। बता दें कि हर वर्ष वायुसेना दिवस पर यह फ्लाइट भारतीय वायुसेना के ऐतिहासिक गौरव और तकनीकी विकास का प्रतीक बनती है।

एयर चीफ मार्शल पी.सी. लाल की भूमिका भी जानें

  • पूर्व एयर चीफ मार्शल प्रताप चंद्र लाल, जिन्होंने 1939 में रॉयल इंडियन एयरफोर्स में सेवा शुरू की थी, ने 1969 से 1973 तक वायुसेना प्रमुख के रूप में कार्य किया।
  • उन्होंने ऑपरेशन चंगेज़ खान (1971 में पाकिस्तान की वायुसेना द्वारा भारत पर किए गए हमले) के जवाब में वायुसेना का नेतृत्व किया था।
  • सेवानिवृत्ति के बाद वे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के प्रबंध निदेशक बने और उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और डिस्टिंग्विश्ड फ्लाइंग क्रॉस (DFC) जैसे सम्मान मिले।

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