गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर बच्चों को प्रकृति के पास लाने के उद्देश्य से ऑर्गेनिक खेती के गुण सीखने का फैसला किया जिसके अंतर्गत बच्चों को ऑर्गेनिक खेती सिखाई जा रही है।
किचन वाटिका परियोजना
जिला प्रशासन ने सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर सरकारी स्कूलों में मिनी फार्म विकसित करने की कवायद शुरू कर दी है. मिनी फॉर्म को "किचन वाटिका" नाम दिया गया है. किचन वाटिका में तकरीबन 20 तरह की सब्जियां उगाई जाएगी. सब्जियों की मिनी फॉर्म में बीज डालने से लेकर उगने और तोड़ने तक पूरी प्रक्रिया को स्कूली छात्रों द्वारा ही पूर्ण किया जाएगा. हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया की स्कूल के अध्यापकों द्वारा निगरानी की जाएगी.
पढ़ाई के साथ खेती
जिला प्रशासन का प्रयास है कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्र ऑर्गेनिक खेती के बारे में जानकारी हासिल कर सके. मिनी फॉर्म में सब्जियां उगाने की प्रक्रिया के दौरान छात्रों को जहां एक तरफ प्रैक्टिकल नॉलेज उपलब्ध होगी तो वहीं दूसरी तरफ मिनी फार्म की सब्जियों को मिड डे मील के लिए स्कूल में इस्तेमाल किया जाएगा. फ्लोरीकल्चर सोसायटी गाजियाबाद के माध्यम से स्कूलों को बीज उपलब्ध कराए जाएंगे. सब्जी उगाने की प्रक्रिया के दौरान शिक्षक निगरानी करेंगे इसके लिए शिक्षकों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा.
46 स्कूल सम्मिलित
फ्लोरीकल्चर सोसायटी गाजियाबाद द्वारा स्कूलों को सीड्स किट उपलब्ध कराई जाएगी. जिसमें सीजनल सब्जियों के 12 तरह के बीज होंगे. गाजियाबाद के मुख्य विकास अधिकारी का अभिनव गोपाल के मुताबिक गाजियाबाद के 46 प्राइमरी और कंपोजिट स्कूलों को चिन्हित किया गया है. चिन्हित किए गए स्कूलों में किचन वाटिका विकसित करने की शुरुआत की जा रही है. किचन वाटिका में सब्जियों की होने वाली पैदावार को मिड डे मील में इस्तेमाल किया जाएगा. मार्च 2025 तक सभी 46 स्कूलों में किचन वाटिका विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है.
विद्यार्थियों की अलग-अलग ड्यूटी
मिनी फॉर्म में ऑर्गेनिक सब्जियों तैयार करने के लिए स्कूल छात्रों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी जाएगी. रोस्टर के हिसाब से मिनी फॉर्म में पानी देने, सब्जियों की देखरेख करने समेत आदि कार्यों के लिए छात्रों की ड्यूटी लगाई जाएगी. जिला प्रशासन की पांच स्कूलों पर एक माली की तैनाती करने की भी योजना है.