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Injustice: सरकारी अस्पताल और बाहर की दवाई, गरीब को मार डाला दुहाई दुहाई

एमएमजी अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक मरीजों को बाहर की दवाइयां लिख रहे हैं। मरीजों ने बताया कि ओपीडी में बैठे नए चिकित्सक दवाई खरीदने के लिए मेडिकल स्टोर का नाम भी बताते हैं।.....

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Syed Ali Mehndi
Sunil Kumar

एमएमजी अस्पताल

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

एमएमजी अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक मरीजों को बाहर की दवाइयां लिख रहे हैं। मरीजों ने बताया कि ओपीडी में बैठे नए चिकित्सक दवाई खरीदने के लिए मेडिकल स्टोर का नाम भी बताते हैं। कई मरीजों ने अस्पताल के सीएमएस से शिकायत की है। यही हाल संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल का है। यहां मरीज दवाई खरीदने के लिए जान जोखिम में डालकर गेट फांदकर मेडिकल स्टाेर पर जाते हैं।

बाहर से दवा लिखना गलत 

डॉ बीपी त्यागी का कहना है कि उन्हें कई बार पता चला है कि जिला एमएमजी अस्पताल में कई मेडिकल कॉलेजों के कई प्रशिक्षु चिकित्सक ओपीडी में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। प्रशिक्षु चिकित्सक ओपीडी में अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों के नेतृत्व में मरीजों का इलाज करते हैं। चिकित्सकों के सामने ही प्रशिक्षु चिकित्सक बाहर की कई दवाइयां लिख रहे हैं। मरीजों को दवाई खरीदने के लिए 500 से एक हजार रुपये खर्च करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह सारा मामला बेहद गंभीर है इसमें सख़्ती से कदम उठाने चाहिए ताकि गरीब लोगों को राहत मिल सके।

बुखार,कमजोरी की दवाई बाहर से

चिपियाना निवासी विनोद कुमार ने बताया कि कई दिनों से बुखार हो रहा था। पहले मोहल्ले के ही चिकित्सक को दिखाया था, लेकिन आराम नहीं हुआ तो एमएमजी अस्पताल में दिखाया। यहां चिकित्सक ने बाहर की दवाई लिखकर सोमवार को जांच कराने को कहा। बाहर मेडिकल स्टोर से 675 रुपये की दवाई खरीदी।

-8 सौ रुपये की दवाई खरीदी-

साहिबाबाद निवासी राजू ने बताया कि उनकी पत्नी रेखा को कई दिन से पेट में दर्द हो रहा था। वह खाना भी नहीं खा रही हैं। जांच कराने पर बताया कि लिवर में सूजन और संक्रमण है। बाहर से 923 रुपये की दवाई खरीदी है। पांच दिन बाद चिकित्सक ने दोबारा बुलाया है।

जारी किया नोटिस

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अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि कुछ मरीजों ने कार्यालय में आकर शिकायत की थी कि नए चिकित्सकबाहर की दवाई लिख रहे हैं। यह सभी प्रशिक्षु चिकित्सक हैं। ओपीडी में साथ बैठने वाले चिकित्सकों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई है। इसके बाद किसी की शिकायत मिली तो शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

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