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राजकीय चिकित्सालय
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
एमएमजी चिकित्सालय गाजियाबाद का नाम आप सभी ने सुना है, मगर इसका सही और पूरा नाम क्या है यह गाजियाबाद की जनता को तो छोड़िए यहां के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी पता नहीं है। मतलब राजकीय जिला एमएमजी चिकित्सालय.गाजियाबाद का असल नाम किसी से पूछ लिया जाए तो गाजियाबाद के गिने-चुने दो चार लोगों को छोड़कर कोई बता नहीं पाएगा।
पुरानी है कहानी
यह बात पढ़कर अटपटी जरूर लग रही होगी, मगर यह सत्य है।यहां तक की इस अस्पताल की स्थापना किसने और कब कराई,किसने इस अस्पताल के निर्माण में वित्तीय सहयोग किया। यह भी किसी को पूर्णत: जानकारी नहीं है। और तो और जिस महानुभाव ने गाजियाबाद शहर का अंग्रेजी शासनकाल में विकास कराया उनकी प्रतिमा तक शहर में नहीं लग पाई। जबकि उनकी प्रतिमा एक मुख्य द्वार के सामने लगनी थी, किंतु राजनीति की भेंट वह प्रतिमा भी चढ़ गई और किसी अन्य की प्रतिमा वहां लगा दी गई।
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1956 में हुआ था उद्घाटन
तो हम आपको बता रहे हैं कि राजकीय जिला एमएमजी चिकित्सालय गाजियाबाद का सही नाम मुकुंद लाल म्युनिसिपल गवर्नमेंट हॉस्पिटल है। इस अस्पताल का शिलान्यास रसद एवं स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश चंद्रभान गुप्ता द्वारा 17 अक्टूबर 1954 को किया गया था। जबकि अस्पताल का उद्घाटन 5 जनवरी 1956 को चंद्रभान गुप्ता द्वारा ही किया गया।
रामानुज दयाल के प्रयास
आपको बता दें कि गाजियाबाद शहर में इस अस्पताल से पहले कोई भी सरकारी हॉस्पिटल नहीं था प्राइवेट हॉस्पिटल भी इक्का-दुक्का ही थे। उस दौरान नगर पालिका के चेयरमैन रामानुज दयाल हुआ करते थे। चेयरमैन होने के नाते गाजियाबाद की जनता और नगर पालिका के सभासदों द्वारा सरकारी अस्पताल बनवाने की मांग रामानुज दयाल से की गई। चेयरमैन होने का फर्ज निभाते हुए रामानुज दयाल ने हरियाणा के रहने वाले उद्योगपति सेठ जयप्रकाश से संपर्क साधा।
सेठ जय प्रकाश का सहयोग
सेठ जयप्रकाश ने अस्पताल के निर्माण में उस समय लाखों रुपए का वित्तीय सहयोग किया। इसी क्रम में एमएमजी यानी मुकुंद लाल म्युनिसिपल गवर्नमेंट हॉस्पिटल इसका नाम पड़ा।रामानुज दयाल ने नगर पालिका के चेयरमैन रहते हुए गाजियाबाद शहर का विकास कराया यह गाजियाबाद शहर कभी चहार दीवारी के अंदर हुआ करता था।