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Kanwar Yatra : कांवड़ियों की सेवा में समर्पित हर्ष ईएनटी अस्पताल

श्रावण मास के दौरान देशभर के शिव भक्त गंगाजल लाने के लिए कठिन यात्रा पर निकलते हैं। इन्हीं श्रद्धालुओं की सेवा को अपना परम कर्तव्य मानते हुए गाजियाबाद स्थित हर्ष ईएनटी अस्पताल हर वर्ष की तरह इस बार भी कांवड़ियों के लिए निःशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध करा

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Syed Ali Mehndi
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Ambulance Seva

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

श्रावण मास के दौरान देशभर के शिव भक्त गंगाजल लाने के लिए कठिन यात्रा पर निकलते हैं। इन्हीं श्रद्धालुओं की सेवा को अपना परम कर्तव्य मानते हुए गाजियाबाद स्थित हर्ष ईएनटी अस्पताल हर वर्ष की तरह इस बार भी कांवड़ियों के लिए निःशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध करा रहा है। अस्पताल प्रशासन ने मेरठ रोड, राजनगर एक्सटेंशन के निकट विशेष एम्बुलेंस सेवा तैनात की है, ताकि रास्ते में किसी भी कांवड़ यात्री को चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता होने पर तुरंत उपचार मिल सके।

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Harsh Hospital

आस्था का प्रतीक

अस्पताल के संस्थापक और प्रख्यात ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. बी. पी. त्यागी ने बताया कि कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था और आत्मबल का प्रतीक है। हजारों कांवड़िए हर वर्ष लंबी दूरी तय कर गंगाजल लेकर आते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। वे कहते हैं, “कांवड़िए तो भगवान का ही स्वरूप होते हैं, और उनकी सेवा करना हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है।”

 पवित्रता और भक्ति भाव

डॉ. त्यागी ने यह भी बताया कि कांवड़ यात्रियों को “भोला” और “भोली” कहकर पुकारा जाता है, जो इस यात्रा की पवित्रता और भक्तिभाव को दर्शाता है। मीलों पैदल चलने वाले ये श्रद्धालु हर बाधा को पार करते हुए ईश्वर के प्रति अपने समर्पण को प्रकट करते हैं। ऐसे में उनकी सेवा करना न केवल सामाजिक जिम्मेदारी है, बल्कि एक आध्यात्मिक कर्तव्य भी है।

 कई वर्षों से सेवारत 

हर्ष ईएनटी अस्पताल विगत कई वर्षों से कांवड़ियों के लिए चिकित्सा सेवा, प्राथमिक उपचार, दवाइयां, और पानी जैसी सुविधाएं लगातार उपलब्ध करा रहा है। इस सेवा कार्य में अस्पताल की पूरी टीम रात-दिन कार्यरत रहती है। आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराने के लिए एम्बुलेंस सेवा पूरे कांवड़ मार्ग पर सजग रहती है। अस्पताल का यह प्रयास प्रशासनिक व्यवस्था का भी सहयोग करता है और यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाता है।

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धार्मिक दायित्वों की पूर्ति

डॉ. त्यागी ने कहा, “यह शिव की कृपा है कि हमें हर वर्ष यह सेवा करने का अवसर मिलता है। कांवड़ियों की सेवा करके जो आत्मिक संतोष मिलता है, वह किसी पुरस्कार से बड़ा होता है। जब तक भगवान शिव चाहेंगे, हमारा यह सेवा कार्य यूं ही चलता रहेगा।”हर्ष ईएनटी अस्पताल का यह प्रयास गाजियाबाद में सेवा, समर्पण और सामाजिक चेतना का एक आदर्श उदाहरण है। जब एक चिकित्सा संस्थान सिर्फ इलाज तक सीमित न रहकर सामाजिक और धार्मिक दायित्वों को भी अपनाता है, तो यह न केवल चिकित्सा क्षेत्र को गरिमा देता है, बल्कि समाज में सेवा की भावना को भी प्रेरित करता है। कांवड़ यात्रा जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में ऐसी सेवाएं निःसंदेह अनुकरणीय हैं।

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