गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता। महानगर कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आज महिला कांग्रेस द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एडवोकेट खुशनुमा परवीन को गाजियाबाद महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया। कार्यक्रम में महिला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भारती त्यागी मुख्य अतिथि रहीं, जबकि महानगर अध्यक्ष वीर सिंह जाटव ने अध्यक्षता की।
200 सदस्यताओं के आधार पर मिली जिम्मेदारी
एडवोकेट खुशनुमा परवीन ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा के निर्देशानुसार महिला कांग्रेस की 200 सदस्यताएं कराई थीं। इसी आधार पर उन्हें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान भारती त्यागी ने उन्हें मनोनयन पत्र सौंपा और कहा कि “प्रदेश भर में चल रहे संगठन सृजन अभियान में महिला कांग्रेस को मजबूती से भागीदारी निभानी है।”
नेताओं का मार्गदर्शन और समर्थन
राष्ट्रीय महिला कांग्रेस नेता पूजा चड्ढा ने महिला कार्यकर्ताओं को सक्रिय रूप से संगठन में काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि “गाजियाबाद में महिला कांग्रेस की भूमिका को और मजबूत करना समय की आवश्यकता है।”
पूर्व मंत्री सतीश शर्मा और पूर्व महानगर अध्यक्ष वी.के. अग्निहोत्री ने खुशनुमा परवीन की नियुक्ति का स्वागत किया और विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में महिला कांग्रेस वार्ड स्तर तक सशक्त होगी।
नव-नियुक्त अध्यक्ष का संकल्प
खुशनुमा परवीन ने अपने संबोधन में कहा, “मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा जी, प्रदेश अध्यक्ष भारती त्यागी जी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय जी और पूजा चड्ढा जी का हृदय से आभार व्यक्त करती हूं। मैं संगठन को गाजियाबाद में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करूंगी।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति
इस अवसर पर महिला कांग्रेस की कई प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहीं —
सोनल नागर (निवर्तमान जिलाध्यक्ष), संगीता त्यागी (पूर्व जिलाध्यक्ष), सविता, सरिता, सोनी, एडवोकेट सुनंदा, एडवोकेट सोनाली, एडवोकेट रिया, दीपिका, पुष्पा अंजुम, रानी, संगीता, गीता, पंकज तेजनिया, आशीष प्रेमी, विकास, बाबूराम शर्मा, सूर्यकान्त, एडवोकेट चंदरपाल, नितिन और दिवाकर आदि।
महिला कांग्रेस को मिलेगी नई दिशा
एडवोकेट खुशनुमा परवीन की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह देखा गया। यह नियुक्ति गाजियाबाद में महिला कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है।