गाजियाबाद वाई बी एन संवाददाता
गाजियाबाद में अधिवक्ता परिषद ब्रज की गाजियाबाद इकाई द्वारा न्यायालय प्रांगण के बार सभागार में स्वाध्याय मंडल का आयोजन किया गया उक्त कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता मधु मुकुल त्रिपाठी द्वारा कानून में दस्तावेज तथा इलेक्ट्रॉनिक साक्षी के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई।
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'आम बातचीत की जाने वाली बातें साक्ष्य नहीं'
अधिवक्ताओं ने चर्चा के दौरान कहा कि आम बातचीत में रिकॉर्डिंग की जाने वाली बात को साक्षी के विरुद्ध साक्ष्य में उपयोग नहीं किया जा सकता इसके अतिरिक्त भी अभियुक्त को उसके विरुद्ध साक्ष्य देने के लिए विवश नहीं किया जा सकता।
उनके द्वारा बताया गया कि पुलिस के समक्ष पुलिस कस्टडी में दिया गया साक्ष्य विधि मान्य नहीं है जबकि पुलिस कस्टडी से बाहर पुलिस को दिया गया साक्ष्य विधि रूप से मान्यता प्राप्त है।
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अधिवक्ताओं ने दिए प्रश्नों के उत्तर
कार्यक्रम के अंत में सारिका त्यागी, तुषार एवं अन्य श्रोताओं के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर भी मुख्य वक्ता द्वारा जिज्ञासा और समाधान सत्र में दिया गया. कार्यक्रम का संचालन इकाई के महामंत्री अरुण कुमार द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के अंत में इकाई की अध्यक्ष श्रीमती श्रद्धा चौहान द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित कर अन्य अधिवक्ताओं को परिषद से जुड़ने का आग्रह किया।
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कई वर्षों से किया जा रहा स्वाध्याय मंडल का आयोजन
गौरतलब है कि अधिवक्ता परिषद द्वारा प्रत्येक माह में इसी प्रकार से स्वाध्याय मंडल का आयोजन किया जाता है जिसमें क्षेत्र के नामी तथा ख्याति प्राप्त वरिष्ठ अधिवक्ताओं को वक्तव्य के लिए बुलाया जाता है. गाजियाबाद में इस तरह के कार्यक्रम का संचालन पिछले कई वर्षों से अनवरत किया जा रहा है तथा हजारों अधिवक्ता इससे लगातार लाभान्वित हो रहे हैं।
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