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Liquor Shop Dispute: विरोध पर भारी, BJP नेता और व्यापार मंडल अध्यक्ष समेत कई पर 10 लाख रंगदारी की FIR

विजयनगर में शराब की दुकान का विरोध करने वालों से निबटने के लिए एक दुकानदार ने विरोध करने वालों के खिलाफ 10 लाख की रंगदारी मांगने की एफआईआर दर्ज करा दी। आरोप है कि रसूखदारों के दवाब में ये कार्रवाई की गई है।

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Rahul Sharma
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विजयनगर में शराब की दुकान का विरोध करते वे लोग जिनके खिलाफ रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया गया है।

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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

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यूं तो जिले भर में रिहायशी इलाकों में शाम की दवा यानि शराब की दुकानों को खोलने का विरोध चल रहा है। मगर, विजयनगर में शराब की दुकान का  विरोध करने वालों से निबटने के लिए एक शराब की दुकान के लाइसेंसधारक ने विरोध करने वालों के खिलाफ 10 लाख की रंगदारी मांगने की एफआईआर दर्ज करा दी। आरोप है कि रसूखदारों के दवाब में ये कार्रवाई की गई है। दर्ज कराई गई रिपोर्ट में एक महिला समेत तीन लोगों को नामजद जबकि अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।

ये है मामला

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शराब की दुकान के बाहर प्रदर्शन करते लोग जिसको लेकर केस दर्ज हुआ है।
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सिटी जोन के कविनगर थाना क्षेत्र स्थित सेक्टर-10 राजनगर निवासी अमिताभ मल्ल विशेन ने ये केस विजयनगर थाने में दर्ज कराया है। रिपोर्ट के मुताबिक अमिताभ को आबकारी विभाग ने नये वित्तीय वर्ष 2025 में एक साल के लिए मानकों के अनुरूप एक कंपोजिट लिक्यूअर शॉप आवंटित की है।  दावा किया गया है कि वो इस दुकान को यादव मार्केट की शॉप नंबर एक में खोलने के लिए दुकान की पुताई और पेंट का काम करा रहे थे। जिसे बीती 29 मार्च को बंद करा दिया गया। आरोप है कि तीन मार्च को वो दोबारा काम शुरू कराने के लिए दुकान पर आए तो इलाके की रहने वाली शशी पत्नी सुरेंद्र, उनका बेटा दीपक और कपिल गर्ग के अलावा अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।

बीजेपी नेता-व्यापार मंडल अध्यक्ष भी आरोपी

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इस मामले में पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में बीजेपी के पूर्व विजयनगर के मंडल उपाध्यक्ष व विजयनगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष कपिल गर्ग को भी नामजद किया गया है। कपिल की मानें तो केवल दवाब बनाने के लिए पुलिस ने शराब की दुकान खोलने वाले शख्स से तहरीर लेकर ये झूठा मुकदमा दर्ज कराया है, ताकि दवाब बनाकर दुकान का संचालन कराया जा सके। 

एक दिन पहले विधायक से मिले थे लोग

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विरोध करने वाले लोगों से बात करते पुलिसकर्मी।
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मामले को लेकर एक दिन पहले यानि बुधवार को पीड़ित लोग सदर विधायक संजीव शर्मा से मिले थे। दर्ज हुई एफआईआर में नामजद कराए गए कपिल गर्ग ने बताया कि मामले में विधायक से हस्तक्षेप की गुहार की गई थी। विधायक ने उनकी मौजूदगी में ही जिलाधिकारी, आबकारी अधिकारी और पुलिस के एसीपी से बात की थी। साथ ही शराब के ठेके से होने वाली दिक्कतों से उन्हें अवगत कराया था। कपिल गर्ग का कहना है कि एफआईआर केवल विरोध न हो इसलिए दर्ज कराया गया है।

विधायक बोले-पुलिस की दमनकारी नीति

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संजीव शर्मा, सदर विधायक

 

इस मामले में सदर विधायक संजीव शर्मा का कहना है कि लोग महिलाओं के मुख्य बाजार में शराब की दुकान का विरोध कर रहे हैं। दुकान जहां खोली जा रही है, वहां सामने ही कब्रिस्तान है जबकि वहां से कुछ दूरी पर ही इलाके का एक मात्र बालिका इंटर कॉलेज है। यहां से छात्राओं की आवाजाही भी रहते है, लिहाजा ठेके को खोलने के लिए किस आधार पर अनुमति दी गई है इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज करना पुलिस की दमनकारी नीति का सूचक है।

स्थानीय पार्षद से लोग नाराज

इलाके के लोगों का कहना है कि विजयनगर के लोग लगातार कई दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन इलाके की स्थानीय बीजेपी पार्षद ने एक बार भी लोगों के पास आकर उनकी दिक्कतों को लेकर बात नहीं की है। लोगों का कहना है कि 

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