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नगर निगम पार्किंग
गजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
अभी तक तो नगर निगम के द्वारा शहर के विभिन्न हिस्सों में प्रस्तावित पार्किंग स्थलों के ठेके अधिकत्तम बोली के आधार पर छोडे जाते रहे। नए सिरे से पार्किंग स्थलों की बोली अधिकत्तम रेट के आधार पर रिजर्व प्राइज रखते हुए की जाती रही है लेकिन निगम को अब आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर पार्किंग संचालन के लिए ठेकेदार नहीं मिल पा रहे है।
रिजर्व प्राइस संशोधन
ऐसे में निगम के द्वारा इन पार्किंग स्थलों की रिजर्व प्राइस को नए सिरे से संशोधन किए जाने की कवायद आरंभ हो गई है। जानकारों का कहना है कि पार्किग संचालन में भी एक बडा सिडिकेट काम कर रहा है। जो यह नहीं चाहता कि उनके हाथ जिस पार्किंग का ठेका प्राप्त हो गया,समय अवधि बीतने के बाद पार्किंग का ठेका किसी अन्य के हाथों लगे।
संपत्ति विभाग की दुविधा
यहीं वजह रही कि पार्किंग ठेकों की अधिकतम बोली उस वक्त आसमान पर पहुंचा दी गई। अब निगम के संपत्ति विभाग के अधिकारी दुविधा में है। वहीं सवाल ये उठ रहा है कि उपरोक्त पार्किंग स्थल पर जिन लोगों के द्वारा इससे पहले ठेका हासिल किया गया था,उन पर कितना पैसा बकाया है। इस रकम की वसूली के लिए निगम के द्वारा किस तरह के कदम उठाए गए।
डेढ़ करोड़ बकाया
सूत्र बताते है कि जिन पार्किंग स्थलों की रिजर्व प्राइस को लेकर नए सिरे से मंथन हो रहा है,देखा जाए तो जिन लोगो की देखरेख में पार्किंग स्थल संचालित किए जा रहे थे,उनपर निगम का करीब डेढ करोड रूपया बकाया है।
यह है पार्किंग
देखा जाए तो निगम के आला अधिकारी श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क,नवयुग मार्केट में पंजाब नेशनल बैंक एवं इलाहाबाद बैंक नवयुग मार्केट स्थित डाकघर,आरटीओ कार्यालय के बाहर समेत नौ पार्किंग स्थलों को लेकर दुविधा में है। निगम अधिकारियों की दुविधा की वजह ये है कि लगातार टेंडर निकाले जाने के बाद भी उन्हें लेने को कोई आगे नहीं आ रहा है।
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