गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद में जैसे-जैसे गर्मी का मौसम तेज़ होता जा रहा है, वैसे-वैसे हरी सब्जियों और ताजे फलों की मांग भी तेजी से बढ़ती जा रही है। इस मौसम में लोग ठंडक देने वाले फल और सब्जियां जैसे खरबूजा, तरबूज और खीरे की ओर अधिक आकर्षित होते हैं। मगर इनकी मांग के मुकाबले बाजार में सप्लाई कम होने के चलते इनके दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यह महंगाई आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है।
मौसम ने बढ़ाई महंगाई
गर्मी में शरीर को ठंडक पहुंचाने वाले फल जैसे तरबूज और खरबूजे की खपत काफी बढ़ जाती है। वहीं खीरा भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है और गर्मी में इसका सेवन शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए किया जाता है। लेकिन इस समय इनकी कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। स्थानीय सब्जी व्यापारी श्रीपाल का कहना है कि मांग अधिक है, लेकिन मंडियों में इन फलों की आवक बेहद कम हो रही है। सप्लाई और डिमांड के इस अंतर ने महंगाई को जन्म दिया है। श्रीपाल के अनुसार, किसानों द्वारा इन फलों की खेती सीमित क्षेत्र में की जाती है और जलवायु परिवर्तन का भी फसल पर असर पड़ा है। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट और डीज़ल की कीमतों में वृद्धि का असर भी इन फलों की कीमतों पर दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि आम जनता को एक किलो खरबूजा या तरबूज खरीदने के लिए सामान्य से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।
तेजी से बढ़ गए दाम
जहां कुछ समय पहले तक खीरा 20 से 25 रुपये किलो मिल रहा था, अब वही 40 से 50 रुपये तक पहुंच चुका है। तरबूज और खरबूजा भी 30-35 रुपये किलो के बजाय अब 50-60 रुपये किलो के भाव पर बिक रहे हैं। यह मूल्यवृद्धि मध्यम वर्ग और गरीब तबके के लिए चिंता का विषय बन गई है, जो गर्मी से राहत पाने के लिए इन फलों पर निर्भर रहते हैं।
सप्लाई डिमांड में अंतर
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द ही सप्लाई की स्थिति नहीं सुधरी, तो आगामी हफ्तों में इन फलों की कीमतें और बढ़ सकती हैं। सरकार को चाहिए कि वह किसानों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराए, मंडियों में सप्लाई चेन को मज़बूत बनाए और परिवहन लागत को कम करने के लिए कदम उठाए। साथ ही, आम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सब्सिडी या राहत पैकेज भी एक उपाय हो सकता है।
प्रभावित होगी जीवन शैली
कुल मिलाकर, गाजियाबाद में गर्मी के साथ ही हरी सब्जियों और फलों की मांग में तेज़ी आई है, लेकिन आपूर्ति में कमी के कारण इनकी कीमतें आसमान छू रही हैं। अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो आम लोगों के लिए स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना और भी मुश्किल हो जाएगा।