गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता। नगर निगम महापौर सुनीता दयाल ने एक बार फिर अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट कर दिया है। जब से उन्होंने महापौर का पदभार संभाला है, तब से लगातार नगर निगम की संपत्तियों को अतिक्रमण और अवैध कब्जे से मुक्त कराने का अभियान चलाया जा रहा है।
महापौर ने न सिर्फ उच्च अधिकारियों को सक्रिय किया है, बल्कि कई मौकों पर स्वयं मौके पर पहुंचकर कार्रवाई भी कर चुकी हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि नगर निगम की एक इंच भूमि भी कब्जे में नहीं जाने दी जाएगी।
इसी कड़ी में महापौर सुनीता दयाल ने अपने कार्यालय में एसडीएम सदर और नगर निगम के संपत्ति विभाग के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। खास बात यह रही कि संपत्ति से जुड़े मामलों में यह पहली बार था जब एसडीएम सदर स्वयं बैठक में शामिल हुए।
सभी संपत्तियों का ब्योरा सौंपा गया
इस बैठक में नगर निगम की शहर में स्थित सभी प्रकार की भूमियों का गांव के नाम और खसरा नंबर सहित पूरा विवरण एसडीएम सदर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। महापौर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन संपत्तियों के कागजात जल्द से जल्द निकाले जाएं और जिन-जिन जमीनों पर कब्जा है, उन्हें तत्काल मुक्त कराया जाए।
तीन बड़ी भूमियों पर जल्द होगी कार्रवाई
महापौर ने बताया कि नगर आयुक्त और अन्य संबंधित अधिकारी सम्पत्तियों को कब्जा मुक्त कराने में जुटे हैं। इस कार्य में गति लाने के लिए उन सभी जगहों की सूची एसडीएम सदर को सौंपी गई है, जहाँ भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है। जल्द ही तीन प्रमुख स्थानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी, साथ ही कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।
भूमाफियाओं पर कसेगा शिकंजा
महापौर दयाल ने स्पष्ट किया कि अब सिर्फ कब्जा हटाना ही नहीं, बल्कि भूमाफियाओं के खिलाफ FIR दर्ज कर भूमाफिया एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। नगर निगम जल्द ही बुलडोजर चलाकर अवैध कब्जों को ध्वस्त करेगा।
इस बैठक में मुख्य रूप से संपत्ति अधिकारी पल्लवी सिंह, संपत्ति अधीक्षक रामशंकर वर्मा, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
महापौर सुनीता दयाल की इस पहल से यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले समय में भूमाफियाओं के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जाएगा और नगर निगम की एक-एक इंच भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा। यह अभियान न केवल नगर निगम की संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि शहरवासियों के बीच कानून का विश्वास भी मजबूत करेगा।