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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता। गाजियाबाद शहर में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की बढ़ती तादात को लेकर महापौर सुनीता दयाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। महापौर ने आरोप लगाया है कि कई स्थानों पर ये लोग अवैध रूप से बसे हुए हैं और स्थानीय खेतों और झुग्गियों में रहते हैं। महापौर के मुताबिक, यह लोग कूड़ा-करकट इकट्ठा करते हैं और कई बार शहर में होने वाली वारदातों के बाद इनका कोई पता नहीं चलता।
महापौर ने किया स्थल का निरीक्षण
महापौर को लगातार इस बारे में शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद उन्होंने खुद इन स्थानों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान महापौर ने वार्ड 16, गढ़ी सिखरोड, वार्ड 50 और 31 नूर नगर के खेतों, सिहानी, वार्ड 7 सुदामापुरी, हाथी पार्क के पीछे, इंदिरापुरम, 5 नंबर भट्टा मेरठ रोड और वार्ड 24 महरौली के खेतों में बसे रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को देखा। महापौर ने इनसे बातचीत की और पता चला कि इन लोगों को एक ठेकेदार अरशद ने बसाया था।
ठेकेदार से की बातचीत, मिली गंभीर जानकारी
जब महापौर ने ठेकेदार अरशद से बात की, तो उसने बताया कि वह और उसका परिवार लंबे समय से यहां रह रहे हैं और यहीं काम करते हैं, हालांकि उनके पास इस क्षेत्र का कोई आधार कार्ड नहीं है। महापौर ने गढ़ी सिखरोड में बसे झुग्गियों के मालिक अंकुर चौधरी से भी बातचीत की, जिनके द्वारा इन रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को भूमि पर बसाया गया था।
अंकुर चौधरी ने स्वीकार किया, डकैती का हुआ था सामना
अंकुर चौधरी ने बताया कि कुछ समय पहले उनके घर में डकैती हुई थी, जिसकी जांच अब तक नहीं हो पाई है। महापौर ने अंकुर चौधरी से कहा कि यह देश के खिलाफ कार्य है और इस प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा देना शर्मनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस भूमि पर ये लोग बसे हैं, वही एक दिन इनकी गतिविधियों का शिकार हो सकती है।
महापौर की अपील, कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
महापौर ने गाजियाबाद शहर के सभी किसानों से अपील की है कि वे अपनी भूमि से जल्द से जल्द इन अवैध बसाहटों को हटवाएं। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, महापौर ने पुलिस कमिश्नर से भी इस मामले पर बात की है और पुलिस विभाग द्वारा इन स्थानों की सूची मांगी गई है, ताकि इनकी जांच की जा सके और उचित कार्रवाई की जा सके।
महापौर सुनीता दयाल ने गाजियाबाद में बढ़ते अवैध प्रवासियों की समस्या पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और शहर के किसानों से अपील की कि वे अपनी भूमि पर बसे रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को जल्द हटाएं। उन्होंने पुलिस से जांच और कार्रवाई की उम्मीद जताई है।