गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
विकास भवन में जल शक्ति अभियान "कैच द रेन" के अंतर्गत एक डी-ब्रीफिंग बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निदेशक एवं केंद्रीय नोडल अधिकारी अमित राज ने की। दो दिवसीय निरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत अमित राज ने जनपद की कुल 18 जल संरचनाओं का निरीक्षण किया, जिसमें वन विभाग की 2 साइट, उद्यान विभाग की 1, जल जीवन मिशन की 1, रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की 5, 6 तालाब एवं 1 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शामिल रहे।
तालाबों की स्थिति चिंतनीय
निरीक्षण के दौरान अमित राज ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जल निकायों का निर्माण तकनीकी दृष्टि से संतोषजनक है, लेकिन तालाबों के आसपास फैले कचरे की सफाई अति आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि गांवों का गंदा पानी सीधे जल निकायों में न जाकर एसटीपी के माध्यम से उपचारित होकर ही छोड़ा जाए। निरीक्षण में कुछ तालाबों के पास टूटी हुई नालियां भी पाई गईं, जिन्हें मानसून से पूर्व मरम्मत करने के निर्देश दिए गए।
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम महत्वपूर्ण
उन्होंने रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की भी समीक्षा की और सुझाव दिया कि इन प्रणालियों की समय-समय पर मरम्मत एवं छतों की नियमित सफाई की जाए। इंद्रापुरम स्थित 40 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उद्योगों को मौजूदा उपभोग 12 एमएलडी से बढ़ाकर पूरी क्षमता का उपयोग करना चाहिए। साथ ही, जुलाई 2025 में प्रस्तावित वृक्षारोपण कार्यक्रम को इस तरह से लागू किया जाए कि वर्षा ऋतु के बाद भी पौधे जीवित रहें। बैठक में जिलाधिकारी दीपक मीणा ने केंद्रीय अधिकारी को आश्वस्त किया कि निरीक्षण में पाई गई सभी कमियों को मानसून से पहले दूर कर लिया जाएगा। उन्होंने सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल संरक्षण से संबंधित सभी कार्य समयबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाएं।
यह रहे मौजूद
बैठक के अंत में जिलाधिकारी दीपक मीणा द्वारा केंद्रीय नोडल अधिकारी अमित राज एवं तकनीकी अधिकारी अमित कुमार को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ट्रेनी आईएएस आयान जैन, जिला विकास अधिकारी प्रज्ञा श्रीवास्तव, जल निगम के अधीक्षण अभियंता भारत भूषण, जिला पंचायत राज अधिकारी प्रदीप कुमार द्विवेदी, नोडल अधिकारी सृष्टि जायसवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।