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जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) पर प्राप्त होने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी दीपक मीणा ने की, जिसमें जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं
बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जन शिकायतों का निस्तारण केवल औपचारिकता न हो, बल्कि शिकायतकर्ता को वास्तविक समाधान मिले। उन्होंने सभी विभागों को चेताया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि लंबित मामलों की नियमित समीक्षा होनी चाहिए ताकि कोई भी शिकायत अनदेखी न रहे।शिकायतों के समाधान के लिए प्रत्येक विभाग की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की गई है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का संज्ञान लेकर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि समाधान पारदर्शी हो और उससे शिकायतकर्ता संतुष्ट हो।
रहे बेहद गंभीर
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विशेष रूप से स्थलीय निरीक्षण से जुड़ी शिकायतों की चर्चा की और कहा कि ऐसी शिकायतों की गंभीरता से जांच की जाए। मौके पर जाकर निरीक्षण किया जाए और उसके आधार पर निष्पक्ष रिपोर्ट तैयार की जाए। इसके अतिरिक्त, समाधान के बाद शिकायतकर्ता से फीडबैक भी लिया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निस्तारण उचित और संतोषजनक है।बैठक में मौजूद अधिकारियों को जनसुनवाई पोर्टल की गंभीरता को समझने और आम जनता की शिकायतों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि यह पोर्टल शासन और जनता के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, इसलिए इसकी विश्वसनीयता बनाए रखना बेहद आवश्यक है।
अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) विवेक मिश्र, जिला विकास अधिकारी प्रज्ञा श्रीवास्तवा, जिला सूचना अधिकारी योगेन्द्र प्रताप सिंह सहित कई विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में अधिकारियों से विभागवार शिकायतों की स्थिति की जानकारी ली गई और उनके समाधान की प्रगति की समीक्षा की गई।जिलाधिकारी ने अंत में सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिकायतों को गंभीरता से लें और यदि कोई अधिकारी जानबूझकर मामले को टालता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उनका कहना था कि पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन के लिए यह आवश्यक है कि जनता की आवाज को सुना जाए और उनकी समस्याओं का समाधान समय से किया जाए।