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Meeting : स्वयं के गुणों को समझने से सफलता मिलेगी – आचार्या श्रुति सेतिया

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “सफलता के सूत्र” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह परिषद का 746वां वेबिनार था, जो कोरोना काल से निरंतर रूप से आयोजित किए जा रहे हैं।

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Syed Ali Mehndi
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वेबीनार आयोजित

गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “सफलता के सूत्र” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह परिषद का 746वां वेबिनार था, जो कोरोना काल से निरंतर रूप से आयोजित किए जा रहे हैं

स्वयं को समझना 

वैदिक विदुषी आचार्या श्रुति सेतिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सफलता प्राप्त करने का पहला सूत्र है – स्वयं को समझना। जब व्यक्ति अपने गुणों, क्षमताओं और सीमाओं को पहचान लेता है, तभी वह अपनी दिशा तय कर पाता है। सफलता केवल धन, पद, प्रतिष्ठा या बाहरी उपलब्धियों तक सीमित नहीं है, बल्कि सच्ची सफलता वह है जो व्यक्ति को मन की शांति, आत्मसंतोष और उद्देश्यपूर्ण जीवन प्रदान करे।

सकारात्मक सोच

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति स्वयं को जानता है और अपने गुणों का उपयोग समाज के कल्याण में करता है, वही वास्तव में सफल होता है। सफलता के प्रमुख सूत्र हैं – स्पष्ट उद्देश्य, सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास, परिश्रम, अनुशासन, नैतिकता, मानवता, असफलता से सीखना, आत्मचिंतन और जीवन में संतुलन बनाए रखना। इन सब गुणों का संगम व्यक्ति को न केवल अपने जीवन में आगे बढ़ाता है, बल्कि उसे समाज में प्रेरणा का स्रोत भी बनाता है।श्रुति सेतिया ने कहा कि सफल जीवन का सार यह है कि व्यक्ति अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाए और हर कार्य में उत्कृष्टता लाने का प्रयास करे। सफलता का असली अर्थ यह नहीं कि केवल स्वयं प्रगति की जाए, बल्कि यह भी कि अपने कार्यों और आचरण से दूसरों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी जाए।

सफल आयोजन 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृष्णा पाहुजा और अध्यक्ष सुनीता रसोत्रा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करने के विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला। परिषद अध्यक्ष अनिल आर्य ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने सभी का आभार व्यक्त किया।इस गोष्ठी के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि सफलता का मार्ग बाहरी उपलब्धियों से नहीं, बल्कि आंतरिक संतुलन, सकारात्मक दृष्टिकोण और समाज के प्रति जिम्मेदारी से होकर गुजरता है। यही वह दृष्टिकोण है जो व्यक्ति को जीवन में सच्चे अर्थों में सफल बनाता है।

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