गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
कोरी समाज सम्मेलन के अध्यक्ष एडवोकेट लेखराज माहौर एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संयोजक अजय शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से भेंट कर कोरी समाज की समस्याओं और मांगों से उन्हें अवगत कराया। यह मुलाकात समाज की राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक उपेक्षा को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रही।
डिप्टी सीएम के सामने रखी मांग
प्रतिनिधिमंडल ने कोरी समाज की तीन प्रमुख मांगों को स्पष्ट रूप से उपमुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया। पहली मांग यह रही कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में कोरी समाज के जाति प्रमाण पत्रों को बनवाने की प्रक्रिया सरल और सहज बनाई जाए, क्योंकि वर्तमान में समाज के लोगों को कई स्तरों पर प्रशासनिक अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी मांग थी कि कोरी के समनार्थी कोली/हिन्दू जुलाहा जैसे वर्गों को भी अधिसूचित किया जाए, जिससे उन्हें भी सामाजिक न्याय के अंतर्गत सभी अधिकार और लाभ मिल सकें। तीसरी और अत्यंत महत्वपूर्ण मांग यह रही कि कोरी समाज को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिया जाए, ताकि समाज की आवाज़ नीतिगत निर्णयों तक पहुंचे और उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान हो सके।
गंभीरता पूर्वक विचार
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सम्मेलन में अपनी अनुपस्थिति पर खेद व्यक्त करते हुए बताया कि दिल्ली में मुख्यमंत्री परिषद की बैठक के चलते वे सम्मेलन में नहीं पहुंच सके, जिसका उन्हें खेद है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि कोरी समाज की तीनों मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
डिप्टी व्यक्त किया आभार
इस अवसर पर सम्मेलन के अध्यक्ष एडवोकेट लेखराज माहौर ने केशव प्रसाद मौर्य का आभार जताया। उन्होंने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया और एक मांग पत्र रिमाइंडर के रूप में सौंपते हुए समाज की जमीनी समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कोरी समाज लंबे समय से अपने अधिकारों की अपेक्षा कर रहा है और अब सरकार को चाहिए कि ठोस कदम उठाकर उन्हें न्याय दिलाए।यह शिष्टाचार भेंट कोरी समाज के लिए आशा की एक नई किरण लेकर आई है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय लेकर समाज को उसका वाजिब हक देगी।