/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/07/LdlOAIndsBqz4FkD5SOH.jpg)
एमएमएच कॉलेज
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
एमएमएच कॉलेज में प्राचार्य विवाद का असर सेशन पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है जहां विद्यार्थियों को सुविधा का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बताया जा रहा है कि प्राचार्य की कुर्सी विवाद के चलते शिक्षकों में भी गुट बड़ी हो गई है जिसके चलते अध्ययन कार्य में विघ्न पड़ रहा है।
महत्वपूर्ण पत्र
एमएमएच कॉलेज में चल रहे प्राचार्य की कुर्सी के विवाद में प्रबंध समिति ने हाईकोर्ट के समक्ष अपना जवाब दाखिल कर दिया। हालांकि, इसमें सुनवाई की अभी कोई नई तारीख नहीं लगी है। इसी बीच क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी मोनिका सिंह ने डॉ पीयूष चौहान के लिए प्रबंध समिति को पत्र लिखा। पत्र के माध्यम से कहा कि वह डॉ. पीयूष चौहान को प्राचार्य का पदभार ग्रहण कराएं और उनके अवशेष वेतन का भुगतान भी करें।
हाई कोर्ट में मामला
इस पर प्रबंध समिति ने सफाई दी कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। हाईकोर्ट ने प्राचार्य का निलंबन बरकरार रखते हुए उनसे छह सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। शासन की ऑडिट रिपोर्ट को भी कोर्ट में दाखिल किया गया है, लेकिन इसकी अब तक सुनवाई नहीं हुई है। ऐसे में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को इसमें दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।
डबल बेंच में याचिका दाखिल की
डॉ.पीयूष चौहान ने हाईकोर्ट से निलंबन बरकरार रहने के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में याचिका दाखिल की थी। इसमें तीन बार तारीख लग चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। डॉ.पीयूष चौहान ने बताया कि प्रबंध समिति ने उनको नियम विरुद्ध निलंबित किया। वीसी और क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के आदेश के बावजूद उनको पदभार ग्रहण नहीं कराया गया।
-11 करोड़ की अनियमितता-
राजभवन से कराए गए ऑडिट में खुलासा हुआ है कि डाॅ.पीयूष चौहान ने अपने कार्यकाल में 11 करोड़ से ज्यादा की वित्तीय अनियमितता की। बिना जेम पोर्टल के ही निर्माण कार्य कराए व खरीदारी की। प्रबंध समिति द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने भी डॉ.पीयूष चौहान को अनियमितता का दोषी माना है।
यह है मामला
पिछले साल जुलाई में एमएमएच कॉलेज के सहायक लेखाकार अनुज उपाध्याय हमला हुआ था। इसका पुलिस ने खुलासा किया कि डॉ.पीयूष चौहान ने हमला कराया था। इसके बाद प्रबंध समिति ने डॉ पीयूष को निलंबित कर दिया। निलंबन के खिलाफ पीयूष चौहान ने वीसी व उच्च शिक्षा अधिकारी से शिकायत की। दोनों ने ही चौहान को पदभार ग्रहण कराने के आदेश दिए। कोई हल न निकलने पर दोनों पक्ष हाईकोर्ट चले गए। अब हाईकोर्ट में दोनों मामलों की सुनवाई एक साथ हो रही है।
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us
/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/11/dXXHxMv9gnrpRAb9ouRk.jpg)