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फाइल फोटो
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
देशभर में एक बार फिर कोरोनावायरस के मामलों में इज़ाफ़ा देखने को मिल रहा है, और इससे उत्पन्न संभावित आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं। गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की घोषणा की है। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की तत्परता का मूल्यांकन करना और विशेष रूप से ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति को परखना है, जिससे किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में लोगों को जरूरी सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जा सके।
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11 सरकारी ऑक्सीजन प्लांट
स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. राकेश गुप्ता ने जानकारी दी कि जनपद में कुल 11 ऑक्सीजन प्लांट सरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं। इन सभी प्लांटों का निरीक्षण करते हुए व्यापक स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। यह निरीक्षण और अभ्यास इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कोरोना की पिछली लहरों में ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण कई जिंदगियां खतरे में पड़ी थीं। इस बार प्रशासन कोई भी चूक नहीं छोड़ना चाहता।
मॉक ड्रिल तैयारी का जायेज़ा
डॉ. गुप्ता के अनुसार, मॉक ड्रिल के माध्यम से यह देखा जाएगा कि अस्पतालों की इमरजेंसी व्यवस्था कितनी सशक्त है, ऑक्सीजन सप्लाई की प्रक्रिया कितनी प्रभावी है, और चिकित्सा स्टाफ आपदा की स्थिति में कितनी जल्दी और दक्षता से कार्य करता है। इसके साथ ही अस्पतालों के अन्य बुनियादी संसाधनों जैसे वेंटिलेटर, आइसोलेशन वार्ड, दवाइयों की उपलब्धता, और कोविड प्रोटोकॉल का भी मूल्यांकन किया जाएगा।
जिला प्रशासन सतर्क
जिला प्रशासन भी इस अभ्यास में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि मॉक ड्रिल न केवल तकनीकी खामियों को उजागर करेगी, बल्कि स्वास्थ्यकर्मियों में आत्मविश्वास भी बढ़ाएगी। साथ ही इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि अस्पतालों की प्रणाली वास्तविक स्थिति में बिना किसी बाधा के काम कर सके।
जागरूकता और रोकथाम
कोरोना वायरस की वापसी की आशंकाओं के बीच जिला प्रशासन व्यापक स्तर पर जागरूकता और रोकथाम अभियान चला रहा है। सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने की अपील, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, और वैक्सीनेशन की प्रगति को लेकर भी पुनः सक्रियता दिखाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की यह पहल न केवल वर्तमान स्थिति में उपयोगी है, बल्कि भविष्य की किसी भी महामारी से निपटने के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।
सजगता और सतर्कता
इस तरह गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे ये समग्र प्रयास यह दर्शाते हैं कि प्रशासन किसी भी संभावित स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मॉक ड्रिल और संसाधनों का निरीक्षण न केवल एक पूर्वाभ्यास है, बल्कि यह आम जनता में विश्वास पैदा करने का भी एक मजबूत माध्यम है। यदि इसी तरह से देशभर में स्वास्थ्य तंत्र को सजग और सक्रिय रखा गया, तो कोरोना जैसी किसी भी आपदा का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सकेगा।