Mock drill: हवाई हमले से बचाव, सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का सफल आयोजन
भारत सरकार के "ऑपरेशन अभ्यास" के अंतर्गत जनपद गाजियाबाद के दस प्रमुख विद्यालयों में सिविल डिफेंस द्वारा हवाई हमले से बचाव के लिए एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को आपातकालीन स्थिति में सायरन ध्वनि संकेतों के माध्यम से
भारत सरकार के "ऑपरेशन अभ्यास" के अंतर्गत जनपद गाजियाबाद के दस प्रमुख विद्यालयों में सिविल डिफेंस द्वारा हवाई हमले से बचाव के लिए एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को आपातकालीन स्थिति में सायरन ध्वनि संकेतों के माध्यम से सतर्क रहना, त्वरित निर्णय लेना तथा स्वयं एवं अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करना सिखाना था।
बच्चों ने सीखा बचाव
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यह रहे मौजूद
प्रातः 9:00 से 10:00 बजे तक नगर पालिका इंटर कॉलेज, नवयुग मार्केट, गाजियाबाद में आयोजित इस अभ्यास का निरीक्षण जिलाधिकारी दीपक मीणा ने किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी गंभीर सिंह, अपर नगर आयुक्त अरुण यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन, आईएएस प्रशिक्षु अयान जैन, चीफ वार्डन श्री ललित जायसवाल, प्रभारी मुख्यालय,सहायक उप नियंत्रक गुलाम नबी, स्कूल की प्राचार्या डॉ. अंतिम चौधरी, डिविजनल वार्डन राजेन्द्र शर्मा, अनिल अग्रवाल सहित सिविल डिफेंस के अनेक वार्डनों की उपस्थिति रही।
किया प्रशिक्षित
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सायरन बजते ही हरकत
मॉक ड्रिल के दौरान छात्रों को जैसे ही सायरन बजा, उन्होंने तत्काल प्रशिक्षणानुसार निर्धारित स्थानों पर जाकर खुद को सुरक्षित किया। स्कूल स्टाफ और शिक्षकों ने भी पूरे आयोजन में सक्रिय सहभागिता दिखाई, जिससे मॉक ड्रिल की सफलता सुनिश्चित हो सकी।
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जिला अधिकारी रहे मौजूद
कई स्कूलों में आयोजन
इसके साथ ही, शंभु दयाल इंटर कॉलेज, गुरु नानक इंटर कॉलेज, सेठ मुकुंद लाल इंटर कॉलेज, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, जेकेजी इंटर कॉलेज, स्वामी विवेकानंद सरस्वती विद्यामंदिर, खेतान पब्लिक स्कूल, नगर पालिका इंटर कॉलेज साहिबाबाद तथा पद्मश्री एन.एन. मोहन पब्लिक स्कूल में भी इसी प्रकार की मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
बच्चों को सिखाया तरीका
इस अभ्यास के माध्यम से विद्यार्थियों और शिक्षकों को आपदा प्रबंधन के महत्व और उसकी वास्तविक उपयोगिता का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त हुआ। जिला प्रशासन और सिविल डिफेंस द्वारा किया गया यह प्रयास निश्चित ही जनजागरूकता को बढ़ाने और आपदा के समय त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम सिद्ध हुआ है।
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