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Monsoon : करोड़ों रुपए खर्च करके भी नहीं हो सकी नालों की सफाई

एक ओर जहां भारत सरकार स्वच्छ भारत अभियान पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं गाजियाबाद नगर निगम की लापरवाही इस मुहिम को शर्मसार कर रही है। वसुंधरा और नंदग्राम जैसे क्षेत्रों में नालों की सफाई न होने के कारण नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़

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Syed Ali Mehndi
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गंदगी से जाम हुए नाले

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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एक ओर जहां भारत सरकार स्वच्छ भारत अभियान पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं गाजियाबाद नगर निगम की लापरवाही इस मुहिम को शर्मसार कर रही है। वसुंधरा और नंदग्राम जैसे क्षेत्रों में नालों की सफाई न होने के कारण नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गंदगी से भरे हुए हैं नाले 

वसुंधरा सेक्टर 4 की अरुणिमा सोसाइटी के पीछे स्थित नाला पूरी तरह से कूड़े, गाद और गंदगी से भरा हुआ है। संदीप कुमार गुप्ता सहित कई स्थानीय नागरिकों ने बताया कि इस नाले से दुर्गंध और मच्छरों की भरमार हो रही है, जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इसी तरह नंदग्राम ए ब्लॉक के पास शिव मंदिर के समीप भी नाले की स्थिति अत्यंत दयनीय है। मानसून की आहट से पहले ही जलभराव और सड़कों पर पानी भरने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जनसुनवाई पोर्टल पर कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

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82 बड़े नालों की सफाई का आदेश

नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने सभी बड़े 82 नालों की सफाई के निर्देश दिए हैं, परंतु जमीनी हकीकत यह है कि अधिकतर नाले अब तक साफ नहीं किए गए हैं। निगम का दावा है कि बारिश के दौरान जल निकासी की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन हर साल की तरह इस बार भी स्थिति बिगड़ती नजर आ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि न केवल सफाई होनी चाहिए, बल्कि उन दुकानदारों पर भी कार्रवाई की जाए जो नालों में पॉलीथिन और गंदगी फेंकते हैं। साफ-सफाई का यह मुद्दा केवल सौंदर्य नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और शहरी प्रबंधन की गंभीर चुनौती बन चुका है, जिसे नजरअंदाज करना आने वाले समय में भारी संकट को न्योता देना होगा।

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