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Monsoon : प्रताप विहार जी-ब्लॉक में घरों तक पहुंचा पानी,निगम पर उठा सवाल

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बुधवार रात से हो रही भारी बारिश ने नगर निगम की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। प्रताप विहार के पॉश कहे जाने वाले वार्ड 5 में हालात इतने बिगड़ गए कि घरों के अंदर तक पानी घुस गया। स्थानीय निवासियों को रातभर पानी निकालने

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Syed Ali Mehndi
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बारिश का कहर

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गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बुधवार रात से हो रही भारी बारिश ने नगर निगम की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। प्रताप विहार के पॉश कहे जाने वाले वार्ड 51 स्थित जी-ब्लॉक में हालात इतने बिगड़ गए कि घरों के अंदर तक पानी घुस गया। स्थानीय निवासियों को रातभर पानी निकालने में जूझना पड़ा, जिससे न सिर्फ जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया बल्कि लाखों की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा।

30 वर्ष से निकासी नहीं

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जी-ब्लॉक वह इलाका है जहां हाउस टैक्स की वसूली सबसे समय पर होती है, फिर भी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। निवासियों ने आरोप लगाया कि बीते 30 वर्षों से क्षेत्र में बारिश के पानी की निकासी के लिए कोई स्थायी नाली नहीं बनाई गई है। जीडीए द्वारा बनाई गई पुरानी नाली पूरी तरह से जाम हो चुकी है, जिसका नतीजा आज लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

 निगम और पार्षद के विरुद्ध रोष 

लोगों का गुस्सा भाजपा पार्षद और नगर निगम दोनों पर है। जी-ब्लॉक से मौजूदा पार्षद भारतीय जनता पार्टी से हैं और पिछले दो कार्यकालों में उनके पति और फिर वे स्वयं पार्षद रही हैं। यानी पिछले 15 वर्षों से इस वार्ड में भाजपा का प्रतिनिधित्व है, इसके बावजूद विकास के नाम पर कुछ खास नहीं हुआ। नागरिकों का कहना है कि भाजपा का गढ़ माने जाने की वजह से उन्हें बार-बार इन्हीं जनप्रतिनिधियों को चुनना पड़ता है, जबकि क्षेत्रीय विकास की तस्वीर निराशाजनक है।

आरडब्लूए निष्क्रिय 

वहीं, इलाके की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) की निष्क्रियता पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। नागरिकों का आरोप है कि आरडब्ल्यूए को समस्या की जानकारी पहले से थी, लेकिन उन्होंने न तो नगर निगम पर कोई दबाव बनाया, न ही कोई ठोस पहल की।

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स्थानीय नागरिकों ने प्रमुख मांगें

तत्काल जल निकासी की व्यवस्था की जाए,

प्राथमिकता के आधार पर बरसाती नाली का निर्माण कराया जाए,

नगर निगम और पार्षदों की जवाबदेही तय की जाए।

 दी चेतावनी

निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करेंगे। बारिश ने न सिर्फ शहर की कमजोर व्यवस्था को उजागर किया है, बल्कि जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता और प्रशासन की उदासीनता को भी सामने ला दिया है। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस जनाक्रोश को गंभीरता से लेता है या फिर हर साल यही कहानी दोहराई जाएगी।

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