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Nagar nigam : मेयर सुनीता दयाल फिर विवादों में, सीनियर सिटीजन से अभद्रता का ऑडियो वायरल

मेयर सुनीता दयाल एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। कभी नगर निगम की कार्यशैली तो कभी उनके बयानों को लेकर वे पहले भी सुर्खियों में रह चुकी हैं, और अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है — इस बार मामला एक सीनियर सिटीजन से फोन पर बदतमीजी का है। सोशल मीडिया पर

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Syed Ali Mehndi
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मेयर सुनीता दयाल का नया विवाद

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

मेयर सुनीता दयाल एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। कभी नगर निगम की कार्यशैली तो कभी उनके बयानों को लेकर वे पहले भी सुर्खियों में रह चुकी हैं, और अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है — इस बार मामला एक सीनियर सिटीजन से फोन पर बदतमीजी का है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक ऑडियो क्लिप में मेयर की आवाज जैसी सुनाई देने वाली महिला एक बुजुर्ग नागरिक से तेज लहजे में बात करती हुई सुनी जा सकती है।

पार्क की समस्या

जानकारी के अनुसार, यह सीनियर सिटीजन अपने क्षेत्र के पार्क की लाइट खराब होने की शिकायत लेकर मेयर सुनीता दयाल को फोन कर रहे थे। उन्होंने शालीनता से बताया कि कई दिनों से पार्क अंधेरे में डूबा हुआ है और लोग असुविधा का सामना कर रहे हैं। लेकिन कथित तौर पर मेयर ने नाराज़गी जताते हुए उनसे अपमानजनक भाषा में बात की और कहा कि तुम्हारा फोन उठा लिया यह काम बड़ी बात है तमीज से बात करो “हर छोटी-छोटी बात के लिए मुझे क्यों फोन करते हो।” यह ऑडियो तेजी से लोगों के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है।इस घटना के बाद शहर में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई नागरिक संगठनों और स्थानीय निवासियों ने इसे जनता के साथ असंवेदनशील व्यवहार बताया है। लोगों का कहना है कि मेयर का दायित्व जनता की समस्याएं सुनना और उनका समाधान करना है, न कि शिकायत करने वालों से रुखाई से पेश आना। वहीं, विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को पकड़ लिया है और मेयर पर “अहंकारी रवैया” अपनाने का आरोप लगाया है।

लगातार विवाद

गौरतलब है कि इससे पहले भी सुनीता दयाल अतिक्रमण अभियान के दौरान एक धार्मिक स्थल — मजार — को हटाने के प्रयास में विवादों में घिरी थीं। उस समय भी सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ नाराज़गी देखी गई थी।हालांकि मेयर कार्यालय की ओर से अब तक इस नए विवाद पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन लगातार उठते विवादों ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर गाजियाबाद की पहली नागरिक जनता से संवाद स्थापित करने में इतनी बार असफल क्यों हो रही हैं।शहरवासी अब नगर निगम से यह उम्मीद कर रहे हैं कि सीनियर सिटीजन के साथ हुई इस कथित बदसलूकी की जांच कराई जाए और भविष्य में जनप्रतिनिधियों के आचरण पर स्पष्ट जवाबदेही तय की जाए।

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