गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता। मानसून के आगमन से पहले गाजियाबाद नगर निगम ने नालों की सफाई के कार्यों में तेजी ला दी है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने सिटी तथा कवि नगर ज़ोन में नालों की सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ALT से होते हुए हapur चुंगी, डायमंड फ्लाईओवर तथा विवेकानंद नगर तक फैले करीब 5 किलोमीटर लंबे नाले की सफाई व्यवस्था को परखा। यह सफाई कार्य 10 भागों में विभाजित करके किया जा रहा है।
इसी क्रम में सिटी ज़ोन में प्रताप विहार से साइ उपवन तक इको पार्क के नाले का भी निरीक्षण किया गया। डेढ़ किलोमीटर लंबे इस नाले की सफाई तीन भागों में की जा रही है। निरीक्षण के दौरान नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मिथिलेश, क्षेत्रीय एसएफआई कवि नगर से हिमांशु तथा सिटी ज़ोन से नरेश भी उपस्थित रहे।
जनप्रतिनिधियों के साथ लिया जायजा
नगर आयुक्त मलिक ने वार्ड 93 केला भट्टा रेलवे लाइन के पास जनप्रतिनिधि आरिफ मलिक के साथ नाले की सफाई का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मिथिलेश और अन्य टीम को प्राथमिकता के आधार पर बड़े नालों की सफाई के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का भी आदेश दिया।
स्वास्थ्य विभाग को QRT बनाने के निर्देश
नगर आयुक्त ने मानसून से पहले नालों की सफाई के लिए एक विशेष "क्विक रिस्पांस टीम" (QRT) के गठन के भी निर्देश दिए। इसका उद्देश्य नालों में अचानक आई किसी भी बाधा को तुरंत दूर करना और जलभराव की समस्या को रोकना है।
बड़े नालों की सफाई को बनाया टारगेट
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मिथिलेश ने जानकारी दी कि महापौर और नगर आयुक्त के निर्देशानुसार मानसून से पहले तेजी से नालों की सफाई कराई जा रही है। इसमें बड़े नालों को विशेष रूप से टारगेट किया गया है, जिनकी सफाई का निरीक्षण लगातार जनप्रतिनिधियों के साथ किया जा रहा है।
सिटी ज़ोन के अंतर्गत प्रताप विहार से साइ उपवन तक फैला नाला वार्ड संख्या 92, 93, 95, 59 और 12 को लाभान्वित करेगा। केला भट्टा, इस्लामनगर, जस्सीपुरा, गौशाला फाटक जैसे क्षेत्रों में जलनिकासी बेहतर होगी। वहीं, कवि नगर ज़ोन में हapur चुंगी, डायमंड पुल से होते हुए विवेकानंद नगर तक के नाले की सफाई के बाद वहां भी जलनिकासी की समस्या में सुधार आएगा।
जलभराव की समस्या से मिलेगी राहत
नगर निगम स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानसून से पहले इन बड़े नालों की सफाई पूरी करने की तैयारी की जा रही है। उम्मीद है कि इन प्रयासों से मानसून में जलभराव की समस्या में कमी आएगी और नागरिकों को राहत मिलेगी।