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फाइल फोटो
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
शहर में कल सुबह हुई हल्की बारिश ने नगर निगम की जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी। बारिश के कुछ ही मिनटों में कई क्षेत्रों में सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ई-रिक्शा और दोपहिया वाहन चालक कीचड़ भरी सड़कों और गड्ढों में फिसलकर घायल हो गए।
हल्की बारिश शहर बेहाल
अत्यधिक जलभराव की स्थिति कविनगर, शालीमार गार्डन, राजनगर एक्सटेंशन, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र और वसुंधरा में देखी गई। नालों की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद हर वर्ष की तरह इस बार भी जल निकासी का सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ।चौंकाने वाली बात यह है कि गाजियाबाद नगर निगम में 100 में से 75 पार्षद भाजपा के हैं। जिले के सांसद, पांचों विधायक और राज्य सरकार में एक मंत्री भी भाजपा से ही हैं। इसके बावजूद ट्रिपल इंजन की सरकार (नगर निगम, राज्य और केंद्र) जनता को मूलभूत सुविधा देने में विफल रही है।
सिर्फ कागजों पर है योजनाएं
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि निगम सिर्फ कागज़ों पर योजनाएं बनाता है, ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। शहर की कई कॉलोनियों में पानी भरने से लोग घरों से नहीं निकल पाए और कार्यालयों में देरी से पहुंचे। स्कूल बसों को भी मार्ग बदलने पड़े।विपक्षी दलों ने इसे लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि चुनाव के समय वादे करना आसान होता है लेकिन धरातल पर काम करना असली चुनौती है जिसमें भाजपा सरकार बार-बार विफल हो रही है।
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