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महापौर और पार्षद
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स में की गई मनमानी वृद्धि के विरोध में गाजियाबाद के 76 पार्षद एकजुट हो गए हैं। शुक्रवार को सभी पार्षदों ने महापौर सुनीता दयाल को सामूहिक रूप से पत्र सौंपा, जिसमें हाउस टैक्स वृद्धि को लेकर तुरंत बोर्ड बैठक बुलाने की मांग की गई।
पार्षद हुए एकजुट
पार्षदों ने पत्र में स्पष्ट किया कि 7 मार्च 2025 को हुई सदन की बैठक में संपत्ति कर में वृद्धि संबंधी प्रस्ताव पारित नहीं किया गया था। इसके बावजूद कार्यवृत्त में इसे सर्वसम्मति से पारित दिखाया गया है, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है। इससे पहले 9 अक्टूबर 2024 को मंत्री सुनील शर्मा और विधायक अजीत पाल त्यागी की उपस्थिति में सदन ने उक्त प्रस्ताव को पहले ही निरस्त कर दिया था। पार्षदों ने यह भी मांग की कि बोर्ड बैठक में टैक्स वृद्धि पर खुली वोटिंग कराई जाए और टैक्स में दी जाने वाली 20% छूट की अंतिम तिथि 30 सितंबर तक बढ़ाई जाए। उनका कहना है कि निर्धारित नियमों के अनुसार केवल दो वर्षों में 10% तक की ही बढ़ोतरी अनुमन्य है। बावजूद इसके बढ़े हुए बिल क्षेत्र की जनता को भेजे जा रहे हैं, जिससे व्यापक रोष है।
विशेष बोर्ड बैठक
इस पर महापौर सुनीता दयाल ने सभी पार्षदों को आश्वस्त किया कि इसी महीने में विशेष बोर्ड बैठक बुलाई जाएगी और आगामी तीन महीनों में हाउस टैक्स से जुड़ी सभी अनियमितताओं को ठीक किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तब तक किसी भी प्रकार का नया टैक्स लागू नहीं किया जाएगा। इस बैठक में पार्षद गौरव सोलंकी, हिमांशु शर्मा, पूनम सिंह, ओम प्रकाश ओड़, अमित त्यागी, पवन गौतम, शशि सिंह, सिमरन मलिक, रुबीना अब्बासी सहित 76 पार्षद उपस्थित रहे।नगर निगम में पहली बार इस मुद्दे पर इतनी बड़ी संख्या में पार्षद एकमत होकर सामने आए हैं, जिससे निगम प्रशासन पर दबाव बना है कि वह टैक्स वृद्धि को लेकर पारदर्शी और जनहितैषी निर्णय ले।