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Nagar Nigam : पूर्व पार्षद ने किया अनोखा विरोध,चलाई जल भराव में नाव

शहर इन दिनों भारी बारिश और प्रशासनिक लापरवाही की दोहरी मार झेल रहा है। हाल ही में पूर्व पार्षद पवन गौतम का एक अनोखा विरोध सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने अपने क्षेत्र में जलभराव की समस्या को उजागर करने के लिए लकड़ी के बोर्ड को नाव

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Syed Ali Mehndi
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पूर्व पार्षद का अनोखा विरोध

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गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

शहर इन दिनों भारी बारिश और प्रशासनिक लापरवाही की दोहरी मार झेल रहा है। हाल ही में पूर्व पार्षद पवन गौतम का एक अनोखा विरोध सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने अपने क्षेत्र में जलभराव की समस्या को उजागर करने के लिए लकड़ी के बोर्ड को नाव बनाकर उसमें बैठकर प्रदर्शन किया। उनका यह वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

नगर निगम लापरवाह 

पवन गौतम का कहना है कि क्षेत्र में जल निकासी की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। बरसात का पानी सड़कों, गलियों और लोगों के घरों में भर जाता है, जिससे सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। बच्चों का स्कूल जाना, लोगों का काम पर निकलना और रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो जाता है। कई इलाकों में तो गंदा पानी जमा होने से मच्छरों का प्रकोप और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।

 हर साल जल भराव 

उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम और संबंधित विभाग इस समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। हर साल बारिश के मौसम में यही हालात पैदा होते हैं और शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो ने आम लोगों का भी ध्यान खींचा है। कई लोगों ने पवन गौतम के तरीके की तारीफ की और कहा कि यही सच्चाई दिखाने का तरीका है। वहीं कुछ ने तंज कसते हुए कहा कि “अब गाजियाबाद को ‘मिनी वेनिस’ घोषित कर देना चाहिए।

स्थाई समाधान आवश्यक

जलभराव की समस्या केवल असुविधा का कारण नहीं बल्कि यह स्वास्थ्य, यातायात और बुनियादी ढांचे के लिए भी गंभीर खतरा है। जरूरत है कि नगर निगम इस मुद्दे को गंभीरता से ले, नालों की समय-समय पर सफाई करे और पंपिंग स्टेशन की व्यवस्था मजबूत बनाए। साथ ही, बारिश से पहले ड्रेनेज सिस्टम की जांच और मरम्मत होनी चाहिए ताकि इस तरह की स्थिति दोबारा न बने।अभी के हालात में पवन गौतम का यह विरोध न केवल एक स्थानीय मुद्दे की ओर ध्यान खींच रहा है बल्कि यह भी बता रहा है कि आम नागरिक अपनी समस्याओं को उजागर करने के लिए किस हद तक जा सकते हैं।

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