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Namo bharat : ‘नमो भारत’ स्टेशन पर सांस्कृतिक जीवंतता की नई पहल

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) न केवल यात्रा को सुगम बना रहा है, बल्कि यात्रियों के अनुभव को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए भी सतत प्रयास कर रहा है। हाल ही में आनंद विहार ‘नमो भारत’ स्टेशन पर ‘यंग ब्रश स्ट्रोक्स’ नामक चित्रकला

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Syed Ali Mehndi
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चित्रकला प्रदर्शनी

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) न केवल यात्रा को सुगम बना रहा है, बल्कि यात्रियों के अनुभव को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए भी सतत प्रयास कर रहा है। हाल ही में आनंद विहार ‘नमो भारत’ स्टेशन पर ‘यंग ब्रश स्ट्रोक्स’ नामक चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया, जिसका उद्घाटन एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने किया।

आईआईएफए का योगदान 

इस प्रदर्शनी का आयोजन इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फाइन आर्ट्स (IIFA) के सहयोग से किया गया है, जिसमें संस्थान के छात्र-छात्राएं एवं फैकल्टी अपनी कलाकृतियाँ प्रदर्शित कर रहे हैं। खास बात यह है कि यह प्रदर्शनी स्टेशन के अनपेड क्षेत्र में लगाई गई है, जिससे यात्री बिना टिकट के भी इसका आनंद ले सकते हैं। यह पहल न केवल कला प्रेमियों के लिए एक अवसर है, बल्कि यात्रियों के सफर को भी अधिक सुंदर और प्रेरणादायक बनाती है।इसके अलावा एनसीआरटीसी ने हर शुक्रवार शाम को “नमो भारत अनप्लग्ड – म्यूजिकल फ्राइडेज़” का आयोजन शुरू किया है। इसमें एनसीआर के स्कूल-कॉलेजों के उभरते बैंड्स और एकल कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देते हैं। मेरठ के आईआईएमटी कॉलेज के बैंड ‘राबता’, सुश्री रुपल, साक्षी और श्री सैम जैसे कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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 यात्रियों में उत्साह 

इस आयोजन में "ऑन-द-स्पॉट अंताक्षरी" जैसे मनोरंजक सत्रों को भी शामिल किया गया है, जिसमें यात्री उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। यह पहल न केवल कला और संस्कृति को बढ़ावा देती है, बल्कि लोगों के तनाव को भी कम करती है, जिससे उनकी यात्रा अधिक आनंददायक हो जाती है। एनसीआरटीसी का यह प्रयास स्टेशन को केवल एक ट्रांजिट प्वाइंट नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। यात्रियों और स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि ऐसी सांस्कृतिक पहलें व्यापक रूप से सराही जा रही हैं।

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