Advertisment

handcuffing the innocent-वाह रे नंदग्राम पुलिस: बेगुनाह को हथकड़ी लगाकर कराया मेडिकल

नंदग्राम थाना क्षेत्र में पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी पीड़ित और आरोपी दोनों को ही हथकड़ी लगाकर सरकारी अस्पताल में मेडिकल कराने ले गए। जैसे ही दरोगा व दो होमगार्ड

author-image
Subhash Chand
1001550339

दाहिने हाथ की तरफ ब्लैक शर्ट में बैठा पीड़ित अंकित

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

नंदग्राम थाना क्षेत्र में पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी पीड़ित और आरोपी दोनों को ही हथकड़ी लगाकर सरकारी अस्पताल में मेडिकल कराने ले गए। जैसे ही दरोगा व दो होमगार्ड पीड़ित को अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां मौजूद परिजनों ने देखा कि पीड़ित को ही हथकड़ी लगा रखी है। यह देखते ही अंकित के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। इस संबंध में नंदग्राम इंस्पेक्टर से जानकारी की गई तो उन्होंने अटपटा ही जवाब दिया। 

दबंगों ने की थी मारपीट

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में पीड़ित अंकित द्वारा बताया गया कि वह 13 अक्टूबर को हेलमेट लगाकर बाइक से जा रहा था। वह टर्न देने वाला था तभी बुलेट सवार दो दबंगों ने उसे रोक कर अभद्र व्यवहार किया। बल्कि उसे गिरा गिरा कर पीटा। अंकित के हाथ में गंभीर चोट आई और उसने किसी तरह अपने परिजनों के अलावा पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया। इस घटना की शिकायत अंकित ने पुलिस से की थी।

वीडियो हुआ वायरल

हैरत की बात तो यह है कि आरोपी के साथ-साथ पीड़ित के हाथ में भी हथकड़ी लगा दी गई और फिर उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। इस दौरान अस्पताल में मौजूद परिजनों ने यह पूरा वीडियो बना लिया जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अंकित की बांहों में हथकड़ी लगी है और पुलिसकर्मी उसे अस्पताल में बेंच पर बैठे हैं। 

पुलिस पर उठाए सवाल

वीडियो सामने आने के बाद अंकित के परिजनों ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब युवक खुद पीड़ित है तो उसे अपराधी की तरह हथकड़ी पहनाना कानून का खुला उल्लंघन नहीं तो फिर क्या है। पर जिन्होंने तर्क देते हुए कहा कि नियमों के अनुसार किसी आरोपी को भी बिना उचित कारण और मजिस्ट्रेट की अनुमति के हथकड़ी नहीं लगाई जा सकती, जबकि यहां तो पीड़ित को ही हथकड़ी लगाकर अपराधी बना दिया गया।

Advertisment
Advertisment
Advertisment