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स्वास्थ्य विभाग गाजियाबाद
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
टीबी की रोकथाम को लेकर विशेष अभियान चलाया गया. विशेष अभियान के तहत लाखों लोगों की स्क्रीनिंग की गई. इस दौरान स्क्रीनिंग में हजारों की संख्या में टीबी के नए मरीज मिले. आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य है. तमाम मरीजों को उपचार कराया जा रहा है. किसी भी मरीज की हालत गंभीर नहीं है. स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है.
कल खत्म हो जाएगा अभियान
गाजियाबाद में टीबी की रोकथाम को लेकर 31 दिसंबर 2024 से विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जो 24 मार्च 2025 तक जारी रहेगा. जिला टीबी अधिकारी एके यादव ने बताया कि विशेष अभियान के तहत गाजियाबाद में 7 लाख 29 हजार 987 लोगों की स्क्रीनिंग की गई. जिसमें 5801 मरीज टीबी पॉजिटिव पाए गए. इन लोगों का इलाज स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू किया जा चुरा है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार मरीजों की मॉनिटरिंग भी की जा रही है.
31 हज़ार से अधिक एक्स-रे
जिला टीबी अधिकारी एके यादव ने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत सभी 5801 मरीजों को हर महीने ₹1000 उपलब्ध कराए जा रहे हैं. विशेष अभियान के तहत ऐसे तमाम लोगों की जांच की गई, जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर हैं, डायबिटीज से ग्रसित हैं, टीबी का पुराना मरीज हैं. ऐसे तमाम लोगों को वल्नरेबल पॉपुलेशन के तौर पर map किया गया था. विशेष अभियान के तहत 31,360 X-Ray किए गए हैं.
स्क्रीनिंग चौंकाने वाले नतीजे
एके यादव ने बताया कि टीबी के मरीजों के साथ रहने वाले लोगों को भी अपनी टीबी की जांच करानी चाहिए. गाजियाबाद के विभिन्न केंद्रों पर जांच पूरी तरह से निशुल्क है. गाजियाबाद में टीबी के मरीजों के साथ जो परिवार के लोग रह रहे हैं, उनका भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीपीटी थेरेपी उपलब्ध कराई गई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे तमाम क्षेत्रों को चिन्हित किया जा रहा है, जहां पर विशेष अभियान के दौरान टीबी के अधिक मरीज मिले हैं. ऐसे तमाम क्षेत्रों को चिन्हित करने के बाद वहां फिर से स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाएगा.
क्या हैं लक्षण:
गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, दो सप्ताह से अधिक समय तक की खांसी टीबी हो सकती है. ऐसी स्थिति में तत्काल जांच कराएं. टीबी पूरी तरह से ठीक हो सकती है यदि उसका इलाज निश्चित अवधि तक पूरा कर लिया जाए. वहीं, अगर टीबी का पूरा इलाज न कराया जाए तो वो लाइलाज हो सकती है. टीवी रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है.