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Negligence of Railways: ट्रेनें बना रहीं लेटलतीफी के रिकॉर्ड, 24 घंटे देरी से पहुंची सीमांचल एक्सप्रेस

देश का सबसे बड़ा विभाग कहे जाने वाले रेल मंत्रालय की लापरवाही और बेपरवाही भी नये-नये रिकॉर्ड बना रही हैं। रेल यात्रियों की हालत सोचिए जब ट्रेन 24 घंटे की देरी से गंतव्य तक पहुंचें। ये कारनामा हुआ है सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन के साथ।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

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ट्रेनों की लेटलतीफी रोज नये रिकॉर्ड बना रहीं हैं। इसे अफसरों की लापरवाही और बेपरवाही ही कहेंगे कि हालात सुधरने की बजाय बिगड़तेे जा रहे हैं। हद तो तब हो गई जबकि वीरवार की रात गाजियाबाद पहुंचने वाली सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन पूरे 24 घंटे की देरी के बाद शुक्रवार की रात स्टेशन पर पहुंची। इसके साथ ही अन्य गाड़ियों में भी यही हाल है। जिससे यात्री परेशान और बेहाल हैं।

ये किया रेल विभाग ने कारनामा

तय समय पर चलीं ट्रेनें भी एक दिन बाद गंतव्य तक पहुंच रही हैं। इससे यात्री परेशान हैं। ट्रेन नंबर 12487 सीमांचल एक्सप्रेस को वैसे तो बृहस्पतिवार रात सवा आठ बजे गाजियाबाद पहुंचना था, लेकिन ये अगले दिन शुक्रवार को 24 घंटे देरी से सवा आठ बजे गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पहुंची। इसमें सवार यात्री गर्मी से परेशान रहे। स्लीपर कोच में सवार यात्री सबसे ज्यादा दिक्कत में दिखे। रेल के स्थानीय अफसर मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। 

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ये ट्रेन भी हुई लेट

सीमांचल एक्सप्रेस के अलावा ट्रेन नंबर 05057 दिल्ली विशेष किराया स्पेशल को सुबह 11:42 पर पहुंंचना था, जो यहां रात को 12:58 पर पहुंची। 15707 आम्र्रपाली एक्सप्रेस रात दो बजे की बजाय चार घंटे देरी से सुबह छह बजे गाजियाबाद पहुंची।दिल्ली-सहारनपुर मेमू आधा घंटा, उत्तराखंड संपर्क क्रांति एक घंटा, शालीमार मलानी एक्सप्रेस 55 मिनट, चंपारण सत्याग्रह एक्सप्रेस एक घंटा तीन मिनट, आनंद विहार टर्मिनल साप्ताहिक एक्सप्रेस 50 मिनट, मेरठ छावनी पैसेंजर 40 मिनट, टूंडला गाजियाबाद ईएमयू 35 मिनट, जम्मूतवी एक्सप्रेस एक घंटा 38 मिनट देरी से गाजियाबाद पहुंची।

स्टेशन पर भी अव्यवस्था, यात्री परेशान

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सिर्फ रेल विभाग ट्रेनों को समय से चलाने में ही नाकाम साबित नहीं हो रहा है। बल्कि ट्रेनों की देरी के चलते घंटों स्टेशन पर बैठने को मजबूर यात्रियों के लिए किए जाने वाले इंतजामों में भी घोर लापरवाही देखने को मिल रही है। ट्रेनों के देरी से चलने के कारण स्टेशन पर ही यात्रियों काे समय गुजारना पड़ रहा है। प्लेटफार्मों पर लगी बेंच पर क्षमता से दोगुने लोग किसी तरह जगह बनाकर बैठने को मजबूर हैं, जिन लोगों को जगह नहीं मिल रही हैं, वह या तो सीढ़ियों पर बैठ रहे हैं या फिर गैलरी में नीचे बैठकर ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं। गर्मी से राहत के लिए उनके लिए पंखे तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बच्चाें, बुजुर्गों व महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है।

ये बोले सीपीआरओ

नाॅर्दर्न रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि ट्रेनें समय से चलें, इसके लिए भरसक प्रयास किया जा रहा है। कई जगह सिग्नल ब्लाॅक के कारण ट्रेनों के संचालन में देरी हो रही है।

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