गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
कर वसूली के मामले में तमाम हथकंड़े अपनाने के बावजूद रसूखदारों से करोड़ों का टैक्स वसूलने में नाकाम रहे नगर निगम को बीते साल जो टारगेट दिया गया था उसकी वसूली में करोड़ों रुपये बकाया छूट गए। मगर, नाकाम निगम के अफसर अब उस खामी को भूल बीते साल की गई वसूली से इस साल की रिकवरी का मिलान कर खुद अपनी पीठ थपथपाने में लगे हैं। यही वजह है कि अपनी नाकामी पर पर्दा डालकर ये बताने और जताने की कोशिश की जा रही है कि पिछली बार से इस बार 60 फीसदी ज्यादा वसूली हुई है। लेकिन ये कोई बताने को तैयार नहीं कि बीते साल टैक्स का कुल बकाया कितना था और इस बार कितना बाकी है।
ये किया जा रहा है दावा
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नगर आयुक्त की ओर से दावा किया गया है कि शहर के विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए गाजियाबाद नगर निगम ने कड़ी मेहनत की है। जिसका नतीजा है कि पिछले वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष गाजियाबाद नगर निगम टैक्स विभाग द्वारा लगभग 60% की अधिक वसूली की गई है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने इसके लिए टैक्स विभाग टीम की सरहाना की और जोनल प्रभारियों को शाबाशी दी। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉक्टर संजीव ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की रिपोर्ट नगर आयुक्त की समक्ष प्रस्तुत की। जिसमें दर्शाया गया है कि पिछले वर्ष टैक्स विभाग द्वारा 354 करोड़ की वसूली की गई थी जो कि इस बार 60% तक बढ़ी है जिसमें 619 करोड़ की वसूली इस वित्तीय वर्ष में टैक्स विभाग द्वारा की गई है। दावा किया गया कि 265 करोड़ की वसूली अधिक की गई है।
सवाल-बीते साल कितना बकाया था, इस बार कितना ?
निगम अफसर तय टारगेट का भले ही जिक्र न कर रहे हों और कुल कितने करोड़ का रसूखदारों पर बकाया है इसका भी खुलासा नहीं कर रहे। मगर, क्या कोई इस सवाल का जवाब देगा कि बीते साल नये वित्तीय वर्ष के पूरा होने पर निगम का कितना टैक्स बकाया रहा और इस बार कितना बचा है ? साथ ही इस सवाल का जवाब भी किसी के पास नहीं कि बीते साल भी बड़े बकायेदारों और रसूखदारों को छोड़ दिया गया था और इस बार भी आखिर क्यों ?
बैठक में ये थे मौजूद
बैठक में अपर नगर आयुक्त अवनींद्र की मॉनिटरिंग में हुए कार्यों की भी सराहना की गई, इसी क्रम में लगातार शहर हित में कार्यवाही किए जाने के निर्देश देते हुए टीम को मोटिवेट किया गयाl