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बिहार निवासी मंजीत जिसकी नोएडा में हत्या कर दी गई। घटना के बाद उसकी बिलखती बहन और बदहवास मां।
महज 29 साल का था वो। पिता की मौत के बाद बहन को यूपीएससी की तैयारी करा रहा था। विधवा मां का ख्याल भी रख रहा था। साथ ही जीवन भर साथ निभाने वाले रिश्ते को भी बीते साल जून महीने से मैनेज कर रहा था।इतनी कम उम्र में इतने मानसिक दवाब से जूझ रहे मंजीत को सरेआम गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। वो सिर्फ कोशिश कर रहा था। कम उम्र में कम परिपक्वक्ता में भी सारे रिश्तों को निभाने की। लेकिन ये किसी को नागवार गुजरा और कनपटी पर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई। हत्या सिर्फ उस संघर्षशील बच्चे की नहीं हुई बल्कि हत्या कर दी गई यूपीएससी की तैयारी कर रही उसकी बहन के सपनों की। उसकी मां के बुढापे की लाठी की। हालाकि मंजीत के परिवार वाले उसके ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं । मगर, हकीकत पुलिस की निष्पक्ष पड़ताल के बाद ही सामने आएगी।
मेधावी था, सिफारिश नहीं थी, निजी बैंक में काम कर रहा था
मूल रूप से बिहार का रहने वाला मंजीत मिश्रा 29 साल की उम्र में नोएडा के एक बैंक में नौकरी करके न सिर्फ अपना पति धर्म निभा रहा था, बल्कि एक साल पहले पिता की मौत हो जाने के बाद अपनी विधवा मां सुनीता का भी ख्याल रखने की कोशिश कर रहा था। तकरीबन आठ साल की रिलेशनशिप में रहने के बाद गैर बिरादरी में शादी का फैसला लिया। परिवारवालों ने इकलौते बेटे की खुशी के लिए शादी कर दी। मगर, शादी के महज कुछ दिनन बाद ही पत्नी के दवाब में मजबूरन परिवार से अलग नोएडा में रहने लगा। लेकिन परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का ख्याल रखता रहा। मंजीत की बहन रंजीता और मां सुनीता की माने तो यही बात पत्नी और उसके मायके वालों को नागवार गुजरी और उसकी हत्या करा दी गई।
बिलखती बहन बोली-छोटा बच्चा था, मारपीट लेते डांट लेते, क्यों ऐसे कोई मारता है क्या?
मंजीत की बहन रंजीता के मुताबिक वो मासूम था। अभी छोटा ही था। मगर, दो परिवारों टेंशन झेल रहा था। यदि उसकी किसी बात पर आपत्ति थी तो उसके साथ मारपीट कर देते। उसे डॉट देते । लेकिन गले से सटाकर गोली नहीं मारनी चाहिए थी। बिलखती रंजीता बोली, कि भला ऐसे कोई मारता है क्या? रंजीता ने जिस वक्त ये बात कही वहां मौजूद लोगों में एक भी ऐसा नहीं था जिसकी आंखें डबडबाई न हों। बहन बोली कि कम उम्र के बावजूद उसने हर किसी की इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश की। पत्नी के कहने पर इकलौता होने के बावजूद हमें आश्वास्त करके अलग नोएडा में रहने का फैसला किया। वहां रहने भी लगा था। मगर, यदा-कदा हमसे बात करना भी पत्नी और पत्नी के मायके वालों को खटकता रहा। विवाद होने पर यहां रहना शुरू भी किया लेकिन मजबूरी और दवाब ने उसे पुलिस में शिकायत को भी मजबूर किया।
मां बोली-योगी सरकार से नहीं होगा-तो हम मां-बेटी को मार दो
मंजीत की मां और बहन गाजियाबाद के वसुंधरा में रहती हैं। मां सुनीता ने इस मामले पर कहा कि उनका पति पहले से नहीं है। एक बेटा ही उनका और बेटी का सहारा था। जो पत्नी और उसके परिवार वालों के दवाब में मजबूर होकर नोएडा जाकर रहने लगा था। जब अति हुई तो उसने एतराज किया.उसकी सजा मिली है। उनका कहना है कि ससुराल वालों ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है। महिला ने बिलखते हुए कहा कि योगी सरकार या तो हत्यारों को उनके सामने लाकर मारे वरना हम मां-बेटी को गोली मार दे।
ये हुई थी वारदात
नोएडा में बैंक के डेटा मैनेजर मंजीत मिश्रा (29)की शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के परिजनों ने इस वारदात के पीछे उनकी पत्नी मेघा राठौर और ससुराल पक्ष के लोगों पर संदेह जताया है। नोएडा पुलिस ने मृतक की पत्नी और साले को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। मंजीत मिश्रा गाजियाबाद के वसुंधरा में रहता था और आर्यव्रत बैंक में डेटा मैनेजर के पद पर कार्यरत था। शुक्रवार सुबह वह अपनी कार से ग्रेटर नोएडा के डी पार्क स्थित डेटा सेंटर जा रहा था। सुबह करीब साढ़े आठ बजे जैसे ही वह सेंटर के पास पहुंचा बाइक सवार दो अज्ञात बदमाशों ने कार को टक्कर मारी और सिर में गोली मारकर फरार हो गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस पहुंती और घायल मंजीत को अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एक साल पहले मर्जी से की थी शादी
परिजनों के अनुसार मंजीत ने एक साल पहले घरवालों की मर्जी के खिलाफ दिल्ली निवासी मेघा राठौर से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद से ही उनके और ससुराल पक्ष के बीच तनाव बना हुआ था। बावजूद इसके मंजीत रिश्ते को संभालने में जुटा था।
गाजियाबाद पुलिस ने नहीं दिखाई गंभीरता
मंजीत ने कुछ समय पहले गाजियाबाद पुलिस में ससुराल वालों के खिलाफ धमकी देने की शिकायत भी दर्ज कराई थी। लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। मृतक की बहन ने आरोप लगाया कि मंजीत की हत्या उसके ससुरालवालों ने जातिगत भेदभाव के कारण करवाई है। कार में लगे कैमरे में पूरी वारदात कैद हो गई है। पहले कार को टक्कर मारकर रोका गया, फिर गोली मारी गई।
टॉपर था मंजीत
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मृतक की बहन रूपम ने बताया कि भाई मंजीत टॉपर था। अलग-अलग नौकरियों के कई कंपटीशन भी वो पास कर चुका था और फिलहाल एक बैंक में जॉब कर रहा था। पापाकी मौत के बाद सारा दवाब खुद सह रहा था।