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सिटी जोन के नंदग्राम थाना क्षेत्र में रहने वाले एक कारोबारी से ऑन लाइन ठगी करने वाले एक गैंग ने 50 लाख से ज्यादा की ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। महिला सदस्य की मदद से इस गैंग ने पहले शेयर ट्रेडिंग के कारोबार से पीड़ित को जोड़ने के नाम पर फंसाया, फिर उसे ब्याज रहित लोन दिलाने का झांसा देकर एक दो नहीं बल्कि 11 बार में अलग-अलग खातों में 50 लाख से ज्यादा रुपये ट्रांसफर करा लिए। पीड़ित की तहरीर पर साइबर सेल की पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इनके साथ हुई वारदात
साइबर सेल थाने की पुलिस के मुताबिक नंदग्राम थाना क्षेत्र के सेवानगर मेरठ रोड निवासी संजीव पुत्र हरिओम दत्त वर्मा कारोबारी हैं। इन्हीं के साथ ठगी की ये वारदात हुई है। 17 फरवरी 2024 से 24 मार्च 2025 के बीच इनके साथ ऑन लाइन ठग गैंग ने 50 लाख से ज्यादा की ठगी की है। शिकायत पर केस दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी गई है।
ऐसे लिया झांसे में
साल 2022 में संजीव ने एंजेल ब्रोकिंग में अपना डीमेट अकाउंट खोला था। तबसे ही संजीव शेयर मार्केट में निवेश करने लगे थे। 17 फरवरी 2024 को संजीव के मोबाइल नंबर पर व्हॉट्सएप से एक मैसेज आया। मैसेज करने वाली एक महिला थी। उसने अपना नाम मानसी जैसवाल बताया। संजीव को बताया। खुद को फोरेन इन्वेस्टमेंट कंपनी से जुड़ी होने की बात कहकर उसने संजीव को जानकारी दी कि उनकी कंपनी का ऑफिस महाराष्ट्र के बांद्रा ईस्ट स्थित बांद्रा कुरला कॉम्पलेक्स में है। कंपनी से डेरेक मोहम्मद, इना चेतन पटेल, समीर नाम के प्रोफेसर भी जुड़े हैं, जो शेयर्स का एनालाइसिस करते हैं। दावा किया गया कि ये संजीव को आसानी से आईपीओ दिलवा सकते हैं।
अब शुरू हुआ ठगी का सिलसिला
संजीव की बुद्धि बांधकर महिला ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर पी फ्यूचर बिल्डर्स नाम के ग्रुप से जोड़ लिया। जिसके एडमिन डेरेक मोहम्मद और समीर थे। ग्रुप के जरिये बताया गया कि ये कंपनी सेबी से रजिस्टर्ड है। ग्रुप पर ही सेबी का एक सर्टिफिकेट भी शेयर किया गया। उसे देखकर संजीव को कंपनी और गैंग की बातों पर यकीन हो गया। 27 जनवरी 2025 को पहली बार शेयर ट्रेडिंग के लिए 50 हजार रुपये ट्रांसफर कराए गए।
ब्याजरहित लोन के नाम पर फंसाया
इसके बाद बताया गया कि यदि आप खाते में 15 लाख रुपये जमा करते हैं, तो सीनियर मेम्बर बन जाओगे और तुम्हे कंपनी 75 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त लोन भी मुहैया कराएगी। संजीव ने 15 लाख जमा करा दिए। बस इसके बाद अलग-अलग बहानों से संजीव से करीब 50 लाख 15 हजार रुपये जमा करा लिए गए। संजीव को जब ठगी की भनक लगी तब उन्होंने इस बाबत साइबर थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।