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Operation : 75 हज़ार पशुओं की जान को खतरा, कल से शुरू होगा अभियान

जिले में 1 जून से पशुपालन विभाग की ओर से पशुओं के लिए व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है। यह अभियान विशेष रूप से गलघोटू नामक रोग को रोकने के उद्देश्य से चलाया जाएगा, जो बरसात के मौसम में अधिक सक्रिय हो जाता है और पशुओं के लिए घातक साबित हो सकता है।

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Syed Ali Mehndi
गलघोटू संक्रामक रोग

गलघोटू संक्रामक रोग

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

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जिले में 1 जून से पशुपालन विभाग की ओर से पशुओं के लिए व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है। यह अभियान विशेष रूप से गलघोटू नामक रोग को रोकने के उद्देश्य से चलाया जाएगा, जो बरसात के मौसम में अधिक सक्रिय हो जाता है और पशुओं के लिए घातक साबित हो सकता है।

 1 जून से 30 अगस्त तक अभियान

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. लघु चंद्र ने जानकारी दी कि यह अभियान 1 जून से शुरू होकर 30 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान विभाग द्वारा जिले भर के विभिन्न गांवों में जाकर पशुओं को गलघोटू बीमारी से बचाने के लिए टीके लगाए जाएंगे। इस बार का लक्ष्य 75,000 से अधिक पशुओं को कवर करने का रखा गया है।

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 गलघोटू एक खतरनाक संक्रामक

गलघोटू एक संक्रामक रोग है जो आमतौर पर बारिश के मौसम में फैलता है। यह रोग पशुओं के गले में सूजन और तेज बुखार का कारण बनता है और समय पर इलाज न होने पर उनकी मृत्यु तक हो सकती है। ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण ही सबसे कारगर उपाय है। डॉ. लघु चंद्र ने बताया कि विभाग की टीमें पहले से ही तैयार हैं और गांव-गांव जाकर पशुपालकों को टीकाकरण के प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही पशुओं की पहचान के लिए टैगिंग की भी व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी पशु को दो बार टीका न लगे और अभियान की प्रगति का सही रिकॉर्ड रखा जा सके।

 समय से टीकाकरण आवश्यक

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पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे अपने पशुओं को समय पर टीकाकरण के लिए उपलब्ध कराएं। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा पशुपालकों को बीमारी के लक्षणों, बचाव और इलाज की जानकारी भी दी जाएगी। यह अभियान न केवल पशुओं को रोगमुक्त रखने के लिए है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं की सेहत सीधे किसान की आय और आजीविका से जुड़ी होती है। ऐसे में इस तरह के टीकाकरण अभियान अत्यंत आवश्यक हैं, ताकि पशुओं की मृत्यु दर में कमी लाकर ग्रामीण विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

 

 

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