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Operation sindoor : भारत-पाक व्यापार पर रोक, सेंधा नमक और ड्राई फ्रूट कारोबार पर असर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत की ओर से चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' ने भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्तों पर गहरा असर डाला है। हालात युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं, जिसके चलते भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार पर रोक लगा दी है।

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Syed Ali Mehndi
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ड्राई फ्रूट मार्केट

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत की ओर से चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' ने भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्तों पर गहरा असर डाला है। हालात युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं, जिसके चलते भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार पर रोक लगा दी है। इसका सीधा प्रभाव गाजियाबाद समेत देश के कई हिस्सों में ड्राई फ्रूट और सेंधा नमक के व्यापार पर देखा जा रहा है।

सीएआईटी का ब्यान

गाजियाबाद में ड्राई फ्रूट और नमक कारोबार से जुड़े व्यापारियों ने पाकिस्तान से आने वाले उत्पादों के आर्डर रद्द करने शुरू कर दिए हैं। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के जिला अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने बताया कि पाकिस्तान से मुख्य रूप से सेंधा नमक (जिसे लाहौरी नमक भी कहा जाता है), काली किशमिश और सब्जा बीज का आयात होता है। इसके अतिरिक्त अंजीर और मुनक्का जैसे सूखे मेवे अफगानिस्तान से होते हुए पाकिस्तान के जरिए भारत पहुंचते हैं।

 पुराने ऑर्डर रद्द 

हमले के बाद उपजे तनाव के कारण व्यापारियों ने अपने पुराने ऑर्डर रद्द कर दिए हैं और नए ऑर्डर लेना बंद कर दिया है। अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि अगर हालात और बिगड़ते हैं या भारत की ओर से कोई सख्त जवाबी कार्रवाई होती है, तो व्यापारी पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का व्यापारिक संबंध नहीं रखेंगे।

कीमतों में उछाल 

गाजियाबाद में इन आयातित वस्तुओं का बड़ा बाजार है। यहां हर महीने करीब 250 से 300 टन सेंधा नमक, 500 से 600 टन छुहारा, 15 टन पिस्ता, और लगभग 10 टन काली मिर्च की खपत होती है। इस व्यापार में अचानक आई रुकावट से न केवल व्यापारी, बल्कि उपभोक्ता भी प्रभावित हो सकते हैं। सेंधा नमक की कीमतों में पहले से ही उछाल देखा जा रहा है, जो आगे और बढ़ सकता है।

स्थानीय बाजार 

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स्थानीय बाजारों में इस स्थिति को लेकर चिंता बढ़ रही है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार की नीति और सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जाएगा, लेकिन इसके साथ-साथ स्थानीय बाजारों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनी रहे, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों और स्रोतों पर भी विचार किया जा रहा है।गजियाबाद के कारोबारियों की ओर से सरकार को पूरा समर्थन दिया गया है और स्पष्ट कर दिया गया है कि देशहित में वे हर तरह का सहयोग देने को तैयार हैं। पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंधों में आई यह ठंडक अब धीरे-धीरे पूरे उत्तर भारत के बाजारों पर असर डाल रही है।

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