गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
जनपद में पशुपालन विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 में शुरू की गई नैपियर चारा बैंक योजना पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण और लाभकारी पहल है। इस योजना का उद्देश्य दुधारू पशुओं के लिए पूरे वर्ष भर हरा चारा सुनिश्चित करना है, जिससे पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके और पशुपालकों को आर्थिक लाभ मिल सके।
बेहद लाभकारी योजना
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एस.पी. पांडेय के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसान, स्वयं सहायता समूह, पंजीकृत गौशालाएं, गौआश्रय स्थल, एफपीओ या स्वयंसेवी संस्थाएं हो सकती हैं। पात्रता के लिए लाभार्थी के पास कम से कम 0.2 हेक्टेयर (लगभग 2.4 बीघा) सिंचित भूमि होना आवश्यक है। वहीं, टैग्ड गोचर भूमि या एलएमसी भूमि रखने वाले गौआश्रय स्थलों को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के अंतर्गत पहले वर्ष चयनित लाभार्थियों को नैपियर घास की जड़ें निःशुल्क दी जाएंगी। दूसरे वर्ष लाभार्थी को उससे दो गुनी जड़ें लौटानी होंगी जो अन्य पशुपालकों को वितरित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त खेत की तैयारी हेतु लाभार्थी को ₹4000 की सहायता राशि उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी। इस प्रक्रिया से लाभार्थियों को न केवल अपने पशुओं के लिए चारा मिलेगा बल्कि दूसरों को भी लाभ पहुंचाने का अवसर मिलेगा।
महिलाओं को प्रोत्साहन
योजना में अनुसूचित जाति,जनजाति या महिला मुखिया वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। कुल 10 लाभार्थियों का चयन किया जाएगा, और यदि आवेदन संख्या 10 से अधिक हुई तो 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा चयन किया जाएगा। आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून 2025 है। इच्छुक व्यक्ति या संस्थाएं अपने निकटतम पशु चिकित्सालय से संपर्क कर निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर सकते हैं।यह योजना पशुपालकों के लिए दीर्घकालिक रूप से लाभकारी है और पशुओं के पोषण स्तर में सुधार कर उनकी उत्पादकता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।