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जैन मंदिर विवाद
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
कवि नगर के बी-46 स्थित श्री जैन धर्म स्थानक (मंदिर) की नीलामी प्रक्रिया पर माननीय न्यायालय ने रोक लगा दी है। यह स्थानक पिछले 35 वर्षों से श्वेतांबर स्थानकवासी जैन समाज की आस्था का केंद्र रहा है, जहां प्रतिवर्ष चातुर्मास कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस दौरान नियमित रूप से पूजा-पाठ, णमोकार महामंत्र का जाप और प्रवचन का आयोजन होता है। गाजियाबाद में यह एकमात्र जैन स्थानक है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और धर्मप्रेमी दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं।वर्तमान में उत्तर भारतीय प्रवर्तक परम पूज्य सुभद्र मुनि महाराज साहब और पूज्य अमित मुनि महाराज साहब अपने अन्य चार साधुओं के साथ इस स्थानक में विराजमान हैं। उनका चातुर्मास नवंबर माह तक चलेगा। यही कारण है कि जब समाज के लोगों को ज्ञात हुआ कि इस स्थानक को ई-ऑक्शन द्वारा बेचा जा रहा है, तो विरोध तेज हो गया।
जैन समाज में खुशी
यह भवन वर्ष 1988 में जैन समाज को दान स्वरूप मिला था। तब से लगातार यहां धार्मिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। जैसे ही नीलामी की जानकारी सामने आई, श्वेतांबर स्थानकवासी जैन सभा ने सांसद अतुल गर्ग, पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल अग्रवाल समेत कई जनप्रतिनिधियों से हस्तक्षेप की अपील की। सांसद अतुल गर्ग ने इस संबंध में अल्पसंख्यक मंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखकर नीलामी रोकने का निवेदन किया था। इसी प्रकार डॉ. अनिल अग्रवाल ने भी संबंधित अधिकारियों से बात की।
नीलामी की प्रक्रिया पर स्टे
समाज की ओर से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, अल्पसंख्यक आयोग, जिलाधिकारी गाजियाबाद और आयुक्त पुलिस को भी पत्र भेजकर निवेदन किया गया कि नीलामी से समाज की धार्मिक आस्था आहत होगी और इससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा है।मामले में यह तथ्य भी सामने आया कि संबंधित बैंक ने संपत्ति के कागजात गारंटी के तौर पर रख लिए थे, जबकि यह लीज होल्ड संपत्ति है और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से वैध अनुमति नहीं ली गई थी। जांच में यह भी पाया गया कि फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया, जिस पर सीबीआई में प्राथमिकी दर्ज है और जांच जारी है। समाज के लोगों ने कई बार बैंक से मूल दस्तावेज मांगे, लेकिन न मिलने पर पुलिस विभाग में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी।
धार्मिक परंपरा का प्रतीक
इन सब तथ्यों और आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए डॉ अतुल जैन के नेतृत्व में श्वेतांबर स्थानकवासी जैन सभा ने न्यायालय में तृतीय पक्ष के रूप में अपनी बात रखी। अदालत में विस्तृत बहस के बाद डैब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल (दिल्ली) ने 12 सितंबर 2025 को प्रस्तावित ई-ऑक्शन द्वारा बिक्री पर रोक लगा दी।जैन समाज के पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह केवल एक भवन नहीं, बल्कि आस्था और धार्मिक परंपरा का प्रतीक है, जिसे किसी भी कीमत पर बेचा नहीं जा सकता। समाज का विश्वास है कि न्यायालय के इस आदेश से उनकी धार्मिक धरोहर संरक्षित रहेगी और आने वाली पीढ़ियां भी इस स्थानक से धर्मलाभ प्राप्त करती रहेंगी।