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Ordar : गाजियाबाद न्यायालय: कचहरी की हलचल...

प्रतिदिन की तरह गाजियाबाद कोर्ट में काफी हलचल दिखाई दी हालंकि कुछ अधिवक्ताओं के देहांत को लेकर वकील अधिकतर कार्य से विरत रहे लेकिन कुछ महत्वपूर्ण मामलों में अदालत ने अपना.........

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Syed Ali Mehndi
गाजियाबाद कोर्ट

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

केस -1

अधिवक्ता से हुई मारपीट के विरोध में डीसीपी से मिले वकील

फरूर्खनगर में अधिवक्ता के घर में घुसकर मारपीट के मामले में सोमवार को अधिवक्ताओं ने डीसीपी सिटी से मुलाकात की। अधिवक्ताओं का आरोप है कि पीड़ित वकील के घर में दो बार हमला किया गया, लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। टीला मोड़ थाना पुलिस ने आरोपितों से मिलीभगत कर पीड़ित पक्ष पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया। अधिवक्ताओं की शिकायत पर डीसीपी ने मामले की निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।बार एसोसिएशन अध्यक्ष दीपक शर्मा के मुताबिक थाना टीला मोड़ क्षेत्र के फरूर्खनगर निवासी अधिवक्ता नरेश त्यागी और उनके भाई वीरेंद्र त्यागी नौ मार्च को अपने घर पर थे। पड़ोस में रहने वाला उपेंद्र और उसके दो बेटे अंकित और अभिषेक उनके घर में घुस गए। इन्होंने मारपीट कर जान से करने के लिए फायरिंग की। इसके बाद 13 मार्च को आरोपित पक्ष ने नरेश त्यागी के घर पहुंचकर मारपीट की। हमलावरों ने हवाई फायर भी किए। अधिवक्ताअेां का आरोप है कि पुलिस ने आरोपित के कहने पर पीड़ित पक्ष के खिलाफ ही झूठी रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इस सूचना के बाद से वकीलों में आक्रोश है। सोमवार को अतिरिक्त पुलिस आयुक्त का कार्यभार संभाल रहे डीसीपी सिटी राजेश कुमार से मिलकर बार एसोसिएशन पदाधिकारियों ने पुलिस की एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया। इस मौके पर बार सचिव अमित नेहरा, वीरेंद्र त्यागी, राजीव त्यागी, अशोक चौधरी समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे।

केस -2

किशोर की कुकर्म के बाद हत्या के चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा

अदालत ने किशोर की कुकर्म के बाद हत्या करने वाले चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। चारों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामला साहिबाबाद थाना क्षेत्र का है।सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमोद कुमार शर्मा सीकरी के मुताबिक सहिबाबाद थानाक्षेत्र 13 साल के एक किशोर को 19 नवंबर 2004 को उसके दोस्त आकिल, फईम, मनोज और डिंपल घर से खेलने के लिए बुलाकर ले गए थे। देर रात तक जब किशोर घर वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। पता नहीं चलने पर परिजनों ने साहिबाबाद पुलिस में किशोर के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस को अगले दिन सूचना मिली कि एक किशोर का शव क्षेत्र के एक खेत में पड़ा हुआ है। इसकी पहचान के लिए पुलिस ने किशोर के परिजनों को सूचित किया। परिजनों ने मौके पर पहुंचकर उसके पहचान लिया। जिसके बाद पुलिस ने किशोर के दोस्त आकिल, फईम, मनोज और डिंपल को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने दीपक के साथ कुकर्म किया। भेद खुलने के डर से किशोर की हत्या कर दी और मुंह में मिट्टी भर के शव को मूली के खेत में फेंक दिया था। 

60 दिनों में चार्जशीट दाखिल की थी पुलिस ने 

पुलिस ने पूछताछ के बाद आरोपियों को जेल भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी। जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने अदालत में आरोपियों के खिलाफ 60 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी। 

11 गवाह पेश किए गए अदालत में 

इस मामले की सुनवाई एडीजे-16 अदालत में चल रही थी। इस मामले में अदालत के सामने दोनों पक्षों की ओर से 11 गवाह पेश किए गए। सोमवरा को मामले की अंतिम सुनवाई एडीजे-16 कोर्ट के न्यायाधीश जुनैद मुजफ्फर की अदालत में हुई। अदालत ने पेश सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर चारों आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद के साथ 25-25 हजार रूपए का जुर्माने की सजा सुनाई।  

कचहरी में शोकसभा, अधिवक्ता रहे कार्य से विरत 

 शोक संदेश

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कचहरी में कार्यरत तीन अधिवक्ताओं की अचानक मौत के बाद सोमवार को वकील न्यायिक कार्य से विरत रहे। वकीलों ने सभी मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। बार एसोसिएशन गाजियाबाद की सह सचिव सोनिका सिंह ने बताया कि अधिवक्ता कमल त्यागी के पिता वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र त्यागी का 14 मार्च, वरिष्ठ अधिवक्ता सय्यद जावेद का 15 मार्च और कोट गांव निवासी अधिवक्ता प्रदीप कुमार का 16 मार्च को स्वर्गवास हो गया। होली के अवकाश के कारण कचहरी बंद थी। सोमवार को कचहरी खुलने के बाद बार एसोसिएशन सभागार में अध्यक्ष दीपक शर्मा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सभी मृतक अधिवक्ताओं की आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई और दो मिनट का शोक रखा गया। इसके बाद सोमवार को अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव पास किया गया।

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