Order : बड़े साहब जाम में फंसे, तब उठाया बाहरी वाहनों पर प्रतिबंध का कदम
कलेक्ट्रेट परिसर में बढ़ते यातायात और वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग की समस्या को गंभीरता से लेते हुए नगर मजिस्ट्रेट, प्रभारी अधिकारी (नजारत) गाजियाबाद द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। हाल ही में जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने स्पष्ट किया
कलेक्ट्रेट परिसर में बढ़ते यातायात और वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग की समस्या को गंभीरता से लेते हुए नगर मजिस्ट्रेट, प्रभारी अधिकारी (नजारत) गाजियाबाद द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। हाल ही में जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने स्पष्ट किया कि कलेक्ट्रेट परिसर में केवल अधिकारीगण और कर्मचारीगण के वाहनों को ही खड़ा करने की अनुमति होगी। बाहरी व्यक्तियों द्वारा परिसर में वाहन खड़ा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम न केवल व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि सुरक्षा और आपातकालीन परिस्थितियों में वाहन आवागमन को सरल बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है।
ट्रैफिक जाम
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बेहद महत्वपूर्ण स्थान
कलेक्ट्रेट एक अत्यंत संवेदनशील और प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र होता है, जहाँ प्रतिदिन अनेक प्रकार के कार्य संपादित होते हैं। इस परिसर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, वकील और आम नागरिक आते हैं। ऐसे में यदि परिसर में बिना अनुमति के बाहरी वाहन खड़े कर दिए जाएं, तो यह व्यवस्था को बाधित करने के साथ-साथ आपातकालीन परिस्थितियों में गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। कई बार देखा गया है कि बाहर से आए लोगों के वाहन मुख्य मार्गों और आगमन द्वारों को अवरुद्ध कर देते हैं, जिससे आवश्यक सेवाओं में देरी हो जाती है।
सख़्ती से किया जाए पालन
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नगर मजिस्ट्रेट द्वारा जारी चेतावनी में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई बाहरी वाहन कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ा पाया जाता है, तो उसका तत्काल चालान कर दिया जाएगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी वाहन स्वामी की होगी। साथ ही, यह भी निर्देशित किया गया है कि बाहरी व्यक्ति अपने वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही खड़ा करें, जिससे परिसर की सुव्यवस्था बनी रहे।
बेहतर होगी परिसर व्यवस्था
यह निर्णय प्रशासनिक अनुशासन और सुचारु कार्यप्रणाली की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। आम नागरिकों को चाहिए कि वे प्रशासन के इस निर्देश का सम्मान करें और सहयोग प्रदान करें। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर अनुशासन और नियमों का पालन करे, जिससे सभी के लिए एक सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।इस निर्देश के पालन से न केवल परिसर की व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि समय-समय पर उत्पन्न होने वाली अव्यवस्था और असुविधा से भी बचा जा सकेगा। प्रशासन का यह कदम अन्य जिलों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण हो सकता है, जहाँ प्रशासनिक कार्यालयों में इसी प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
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