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“एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर महिला समागम का आयोजन

Ghaziabad: इस अवसर पर महिलाओं की भूमिका को लोकतांत्रिक सुधारों में अहम बताया गया। सम्मेलन का उद्देश्य इस विचार को जन-जन तक पहुँचाना और समाज में जागरूकता फैलाना था। वक्ताओं ने कहा कि एक साथ चुनाव से विकास कार्यों में निरंतरता आएगी।

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Deepak Sharma
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विषय पर महिला समागम का आयोजन
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता। मेरठ रोड स्थित एचएलएम कॉलेज में विभिन्न एनजीओ और समाजसेवी संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में “एक राष्ट्र, एक चुनाव” अभियान को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से एक भव्य महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। 

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इस विशेष अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा विजया किशोर रहाटकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रही। साथ में मंचासिन अतिथि महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल, क्षेत्रीय अध्यक्ष वर्षा, महापौर सुनीता दयाल, विधायक मंजू सिवाच, डॉक्टर अर्चना मजूमदार विधायक नन्द किशोर गुर्जर, क्षेत्रीय मंत्री कविता सिरोही,आरती मिश्रा, समन्वयक सरदार एसपी सिंह आदि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एचएलएम ग्रुप ऑफ़ इंटीट्यूशन की एमडी तन्वी मिगलानी ने की।

“एक राष्ट्र, एक चुनाव” का मिला व्यापक समर्थन

महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने स्वागत उद्बोधन में कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव जैसे विषयों पर समाज के सभी वर्गों को जागरूक करना समय की आवश्यकता है, और महिलाओं की भूमिका इसमें अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस सम्मेलन के माध्यम से हम समाज में एक सकारात्मक विमर्श को जन्म दे रहे हैं।”मयंक गोयल ने इस आयोजन के प्रभाव को और बढ़ाने के लिए मंच शत प्रतिशत महिला शक्ति को ही सुपुर्द रखा। मंच पर भी मातृशक्ति का सम्मान दृष्टि गोचर हुआ।

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वर्षा कौशिक ने अपनी ओर से प्रस्तावना रखते हुए कहा हम "एक राष्ट्र, एक चुनाव" की अवधारणा का पूर्ण समर्थन करते हुए यह प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं, जिसका उद्देश्य भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाना है। इस पहल के अंतर्गत लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए जाने का प्रावधान है, जिससे न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि प्रशासनिक खर्चों में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।

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"एक राष्ट्र, एक चुनाव" प्रणाली से विकास कार्यों में निरंतरता बनी रहेगी, क्योंकि बार-बार लगने वाली आचार संहिता से उत्पन्न रुकावटों से मुक्ति मिलेगी। यह राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देगा, जिससे नीति निर्माण में दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, एक साथ चुनाव से मतदाताओं में अधिक जागरूकता उत्पन्न होगी और उनकी भागीदारी में वृद्धि होगी, जिससे लोकतंत्र और अधिक सशक्त बनेगा।

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राजनेताओं और समाजसेवियों का एक स्वर

बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा "आज जब हमारा देश नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है, तब हमें ऐसे निर्णयों की आवश्यकता है जो राष्ट्र को स्थायित्व, विकास और लोकतांत्रिक मजबूती प्रदान करें। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' केवल एक चुनावी सुधार नहीं है, यह राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

मैं देश की समस्त जागरूक महिलाओं से अपील करती हूं कि वे इस विचार का समर्थन करें, इसके लाभों को समझें और समाज को जागरूक करें। एक साथ चुनाव होने से बार-बार की चुनावी हलचल में रुकने वाले विकास कार्यों को गति मिलेगी, और संसाधनों की बचत होगी – जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा।

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महिलाएं सृजन की जननी हैं, और राष्ट्रहित के ऐसे प्रयासों में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए, हम सब मिलकर 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को जन-आंदोलन बनाएं और भारत को एक नई दिशा दें।"

महापौर श्रीमती सुनीता दयाल ने कहा "मैं इस महिला सम्मेलन में उपस्थित सभी जागरूक और सशक्त महिलाओं का अभिनंदन करती हूं। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' न केवल समय और संसाधनों की बचत करेगा, बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक तंत्र को और अधिक मजबूत बनाएगा। इससे प्रशासनिक कार्यों में बाधाएं कम होंगी और विकास कार्यों की गति बढ़ेगी। महिलाओं को इस विषय में जागरूक रहना होगा क्योंकि यह एक ऐसा कदम है जो आने वाली पीढ़ियों को स्थायित्व और पारदर्शिता देगा।"

विधायक डॉक्टर मंजू सिवाच ने कहा "'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार भारतीय लोकतंत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इससे बार-बार होने वाले चुनावों में लगने वाले खर्च में भारी कटौती होगी और सरकारें पूरे कार्यकाल में स्थिरता के साथ कार्य कर सकेंगी। महिलाएं, जो सामाजिक और राजनीतिक बदलाव की वाहक रही हैं, उन्हें इस मुहिम का समर्थन करना चाहिए। मैं इस विचार के पूर्ण समर्थन में हूं और सभी से आग्रह करती हूं कि वे इसकी जानकारी और महत्व को समाज तक पहुंचाएं।"

विधायक नन्द किशोर गुर्जर ने कहा "हमारा राष्ट्र एकता का प्रतीक है और 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' इस एकता को और मजबूती देगा। इससे न केवल देशभर में विकास कार्यों की गति बढ़ेगी, बल्कि सरकारी मशीनरी भी चुनावी व्यस्तताओं से मुक्त होकर जनसेवा पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी। इस सम्मेलन में महिलाओं की भागीदारी यह दिखाती है कि देश की मातृशक्ति इस महत्वपूर्ण बदलाव के लिए सजग और सक्रिय है। हम सब मिलकर इस मुहिम को सफल बनाएंगे।"

मुख्य अतिथि का स्वागत क्षेत्रीय मंत्री कविता सिरोही ने किया। प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी सुचित्रा कक्कड़ ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. उदीता त्यागी एवं भक्ति सिंह द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की संयोजक सविता त्यागी एवं पिंकी चौधरी, तथा सह-संयोजक वर्षा हजेला एवं किरन सिंह रहीं।

गणमान्य महिलाओं की सक्रिय भागीदारी

इस अवसर पर अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें l रनिता सिंह , मोनिका पण्डिता, अनीता शर्मा, रेनू चंदेला, पूनम सिंह, , प्रीति चंद्रा, पूनम कौशिक, रिचा भदौरिया, दीप्ति अरोड़ा, लवली कौर, दीप्ति चौहान, प्रमिला चौधरी, पूनम चौधरी, अमृता सिंह, रजनी तोमर, निशी चौहान, शिरोमणि त्यागी, पायल खत्री, बिन्दु त्यागी, गीता चौधरी, सुषमा गौड़, भारती अग्रवाल, नीलम सिंह एवं पूनम गुप्ता , सिद्धि प्रधान, प्रियंका पांडे, शैली सेठी सहित मीडिया समन्वयक प्रदीप चौधरी मौजूद रहे।

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