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हर्ष हॉस्पिटल ने निक़ाला मशाल मार्च
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत इलाके पहलगाम में हुए भयावह जनसंहार ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। निर्दोष नागरिकों पर किए गए इस कायराना हमले ने हर भारतवासी के दिल में गुस्से की लहर दौड़ा दी है। इस मौके पर विश्व विख्यात चिकित्सक डॉ. बी.पी. त्यागी ने न सिर्फ पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की, बल्कि एक साहसिक कदम उठाते हुए एक मशाल जुलूस का नेतृत्व किया। इस जुलूस में “पाकिस्तान मुर्दाबाद” के नारे गूंजे और देशवासियों ने एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
जवाब देने का समय
डॉ. त्यागी का कहना है कि अब समय आ गया है जब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ निंदा करना काफी नहीं है, बल्कि निर्णायक कदम उठाना अनिवार्य है। उन्होंने साफ कहा कि भारतीय सेना इस कायराना हरकत का जवाब बेहद सख्ती से देगी। यह कोई साधारण हमला नहीं, बल्कि भारत की अखंडता और आत्मसम्मान पर सीधा प्रहार है, और इसका जवाब पत्थर से देना अब जरूरी हो गया है।
कमजोर करने की साजिश
इस प्रकार की हिंसा उन लोगों की मानसिकता को उजागर करती है जो भारत की शांति और संप्रभुता को कमजोर करना चाहते हैं। लेकिन वे भूल जाते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जो सहनशील तो है, परंतु जब उसकी सीमाओं और नागरिकों पर हमला होता है, तो वह दुश्मनों को उसकी औकात दिखाने में देर नहीं करता।
आतंकवाद का अंत जरूरी
डॉ. त्यागी का स्पष्ट मत है कि अब आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का समय आ चुका है। यह कोई क्षेत्रीय या सीमित मुद्दा नहीं है, बल्कि यह वैश्विक समस्या बन चुकी है, और भारत को इसका नेतृत्व करना चाहिए। पाकिस्तान, जो वर्षों से आतंकवाद को पनाह देता आया है, अब उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करना और सैन्य कार्रवाई से सबक सिखाना जरूरी हो गया है।
जन आक्रोश
हर भारतवासी की आज यही भावना है – अब बहुत हो चुका। अब केवल बयानबाजी नहीं, बल्कि “फाइनल हमला” होना चाहिए। देश को एकजुट होकर आतंक के इस अंधकार के खिलाफ रोशनी की मशाल जलानी होगी। सेना, सरकार और आम जनता – सभी को एक साथ आकर यह संदेश देना होगा कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। यह समय है निर्णायक कार्रवाई का। यह समय है भारत की ताकत का प्रदर्शन करने का। और यह समय है – एक नया, सुरक्षित और शांतिपूर्ण भारत गढ़ने का।