/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/28/RtZDENyzJpAO1NxvU8QZ.jpg)
रानीता सिंह और रेनू चंदेला
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेत्री रानीता सिंह ने हाल ही में पहलगाम के हमलों की कड़ी निंदा करते हुए स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को इस दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह के पाकिस्तान के इशारे पर आतंकवादियों ने कायराना पर हमला किया है, उसके लिए वह माफी योग्य नहीं है। देश की अखंडता और सम्मान की रक्षा के लिए अब पाकिस्तान को उसकी हरकतों का गंभीर नतीजा भुगतना होगा।
यह नया भारत है
रानीता सिंह ने अपने बयान में कहा कि भारत अब वह देश नहीं रह गया है, जहां बार-बार आतंकवादियों का शिकार बनाया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत विश्व मंच एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। हमलों के बाद यूनिवर्स में गुस्सा है, लेकिन यह गुस्सा अब संयम और रणनीति के साथ कार्रवाई में बदलेगा। उन्हें विश्वास है कि देश की सरकार और सुरक्षा बल पाकिस्तान को समय पर और स्थान पर करारा उत्तर देंगे।
होगी अब कड़ी कार्रवाई
वही इस मौके पर भाजपा नेत्री रेनू चंदेला ने इस विषय पर अपने वक्तव्यों में यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को न केवल शब्दों से बल्कि कार्रवाई से भी सिखाया जाए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जीरो के खिलाफ टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और पुलवामा हमले के बाद जवाबी कार्रवाई जरूरी हो गई है। चंदेल ने यह भी कहा कि भारत की जनता पूरी तरह से एकजुट है और वह सरकार के हर कदम का समर्थन करेगी, वह सैन्य कार्रवाई के माध्यम से प्रोत्साहन देगी।
रक्षात्मक नहीं दंडात्मक
दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति अपनाएगा। जिस तरह से पहले 'मार्जिकल स्ट्राइक' और 'एयर स्ट्राइक' के माध्यम से भारत ने सिलिकॉन और उनके संरक्षकों को सिखाया था, उसी तरह इस बार भी एक नया उदाहरण पूरी दुनिया के सामने आया है। पाकिस्तान पर यह आरोप लगाया जाएगा कि भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से घुसपैठ का अर्थ उसके विनाश को आमंत्रित करना है।
सनातन हिलेगा नहीं
इस हमले के बाद सनातन में विश्वास कायम है, लेकिन साथ ही देशवासियों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर विश्वास भी कायम है। लोग जानते हैं कि वर्तमान सरकार अपनी जनता की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाती है। अब समय आ गया है कि व्हेल को जन्म देने और संरक्षण देने वाले प्रयासों को उनकी भाषा में ही उत्तर दिया जाए।