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Ghaziabad: यूँ ही कोई 'चाणक्य' नहीं बन जाता! तिरंगा यात्रा में पप्पू पहलवान ने दिखाई ताकत

Ghaziabad: पप्पू पहलवान की अगुवाई में निकली यह यात्रा उनके मजबूत नेतृत्व और सामाजिक सरोकारों का प्रतीक बनी। पार्टी के साथ-साथ सामाजिक मंचों पर भी उनकी सक्रियता ने यह सिद्ध कर दिया कि यूँ ही कोई चाणक्य नहीं बन जाता, इसके लिए समर्पण और सेवा भाव जरूरी है।

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Deepak Sharma
Ghaziabad: यूँ ही कोई 'चाणक्य' नहीं बन जाता! तिरंगा यात्रा में पप्पू पहलवान ने दिखाई ताकत
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता। भाजपा महानगर महामंत्री पप्पू पहलवान को यूँ ही 'चाणक्य' नहीं कहा जाता। बीते रविवार को उन्होंने एक बार फिर अपनी संगठन क्षमता और लोकप्रियता का परिचय देते हुए समाधान शक्ति सामाजिक संस्था के बैनर तले एक भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया। यह यात्रा शहीदों की स्मृति और सम्मान को समर्पित थी।

भाजपा के भरोसेमंद रणनीतिकार हैं पप्पू पहलवान

पप्पू पहलवान पिछले पांच वर्षों से भाजपा महानगर महामंत्री के रूप में कार्यरत हैं और पार्टी की कई बड़ी जिम्मेदारियाँ उन्होंने अपने कंधों पर ली हैं। जब-जब संगठन को नेतृत्व की आवश्यकता पड़ी, पप्पू पहलवान ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला। बड़े नेताओं की गाजियाबाद यात्रा हो या स्थानीय चुनावी अभियान, उन्होंने हर बार संगठन में नई ऊर्जा का संचार किया।

पार्टी के साथ-साथ समाज सेवा में भी अग्रणी

पार्टी कार्यों के अलावा पप्पू पहलवान सामाजिक कार्यों में भी निरंतर सक्रिय हैं। उन्होंने ‘समाधान शक्ति सामाजिक संस्था’ की स्थापना की और इसके माध्यम से हजारों सामाजिक, सांस्कृतिक और जनकल्याणकारी कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इनमें कवि सम्मेलन, खेलकूद प्रतियोगिताएं, मेडिकल शिविर, मेधावी छात्रों का सम्मान और राष्ट्रभक्ति से जुड़ी अनेक गतिविधियाँ शामिल हैं।

तिरंगा यात्रा में दिखा जनसमर्थन, बढ़ी चर्चा

रविवार को शालीमार गार्डन में निकाली गई तिरंगा यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी। यात्रा में युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। देशभक्ति के नारों से गूंजते माहौल ने साफ कर दिया कि पप्पू पहलवान न केवल पार्टी के कार्यक्रमों में बल्कि व्यक्तिगत प्रयासों से भी लोगों को जोड़ने की शक्ति रखते हैं।

हर सप्ताह कोई न कोई आयोजन, राष्ट्रभक्ति की अलख

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पिछले कुछ महीनों से पप्पू पहलवान हर सप्ताह कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, जिससे देशभक्ति की भावना को मजबूती मिल रही है। उनकी यह निरंतर सक्रियता ही उन्हें भाजपा के भीतर एक खास पहचान दिलाती है।

निष्कर्ष: पप्पू पहलवान ने यह सिद्ध कर दिया है कि नेतृत्व सिर्फ पद से नहीं, कार्य से साबित होता है। चाहे पार्टी मंच हो या सामाजिक कार्य, पप्पू पहलवान हर भूमिका में खरे उतरते हैं। यही कारण है कि आज उन्हें ‘चाणक्य’ की उपाधि दी जाती है—“यूँ ही कोई चाणक्य नहीं बनता।”

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