Advertisment

PMAY : जीडीए रहा नाकाम, 3496 आवास अब तक अधूरे, इंतजार में लाभार्थी

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा कुल 3496 आवासों के निर्माण की योजना बनाई गई थी, जिससे गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराया जा सके। यह योजना गरीबों के सपनों को साकार करने का एक महत्वपूर्ण

author-image
Syed Ali Mehndi
Untitled design_20250625_132017_0000

प्रधानमंत्री आवास योजना

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

Advertisment

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा कुल 3496 आवासों के निर्माण की योजना बनाई गई थी, जिससे गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराया जा सके। यह योजना गरीबों के सपनों को साकार करने का एक महत्वपूर्ण कदम मानी जाती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है।

अधूरा निर्माण कार्य

अब तक न तो निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है और न ही एक भी आवास लाभार्थियों को आवंटित किया गया है। इस स्थिति ने हजारों लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सबसे गंभीर बात यह है कि केंद्र सरकार की तीन कार्य योजनाएं बीत चुकी हैं, लेकिन गाजियाबाद में इन आवासों का कार्य ठप पड़ा हुआ है।जानकारी के मुताबिक, निर्माण कार्य में देरी का मुख्य कारण विभागीय तालमेल की भारी कमी है। जीडीए, नगर निगम, जल निगम और विद्युत विभाग के बीच समन्वय का अभाव इस परियोजना को लगातार पीछे ढकेल रहा है। एक विभाग दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ रहा है। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि जल निगम समय से जल निकासी और आपूर्ति की व्यवस्था नहीं कर रहा, वहीं जल निगम का तर्क है कि जीडीए ने निर्माण स्थल पर आवश्यक तैयारी ही पूरी नहीं की।

Advertisment

 किराया दे रहे हैं लाभार्थी 

इस खींचतान और जवाबदेही से बचने के प्रयासों के चलते अब तक एक भी लाभार्थी को मकान की चाबी नहीं सौंपी गई है। जबकि दूसरी ओर, लाभार्थी परिवार हर महीने किराया चुका रहे हैं और उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें जल्द एक पक्का और सुरक्षित ठिकाना मिलेगा। स्थानीय सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते संबंधित विभागों की जवाबदेही तय नहीं की गई तो यह योजना भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ सकती है।सरकार को चाहिए कि वह इस परियोजना की प्रगति पर सख्त निगरानी रखते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे, ताकि प्रधानमंत्री आवास योजना के उद्देश्य — "हर व्यक्ति को अपना घर" — को साकार किया जा सके।

 

Advertisment
Advertisment